
Ayodhya Ramlala Surya Tilak: रामनवमी के अवसर पर अभिजीत मुहूर्त पर श्री राम लला के ललाट पर सूर्य तिलक हुआ। करीब चार मिनट तक यह दुर्लभ संयोग रहा। दुनिया इस अभूतपूर्व पल की साक्षी बनी। सूर्य तिलक के साथ ही मंदिर में आरती की गई। इससे पहले कुछ देर के लिए मंदिर के पट बंद किए गए। गर्भग्रह की लाइट बंद कर दी गई, ताकि सूर्य तिलक स्पष्ट नजर आए।
सूर्य तिलक को लेकर शनिवार को आखिरी ट्रायल किया गया था। आठ मिनट तक चले इस ट्रायल के दौरान इसरो के साथ-साथ आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई के एक्सपर्ट भी मौजूद रहे थे। रामनवमी पर दूसरी बार रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया है। इसका सीधा प्रसारण देश-दुनिया के लोगों ने देखा। रामनवमी के अवसर पर बीते साल भी रामलला का सूर्य तिलक किया गया था। ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि अगले बीस साल तक लगातार सूर्य तिलक होता रहेगा।
बता दें, श्री रामजन्मोत्सव पर सूर्य तिलक का धार्मिक महत्व है। प्रेरणा रामचरितमानस कीचौपाई- ‘मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ, रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ‘ है। चौपाई में तुलसीदास लिखते हैं कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्य देव अयोध्या पहुंचे। इतना मोहित हुए कि एक महीने अयोध्या में रह गए। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। भगवान राम सूर्यवंशी थे यानी सूर्य उनके कुल देवता हैं।
अयोध्या में जिला प्रशासन ने रामनवमी पर्व को लेकर बेहद खास तैयारियां की हैं। रामकथा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। राम मंदिर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, रामपथ तक जोन में बंटे हुए हैं। आवश्यकता पड़ने पर इंटरनल डायवर्जन भी किए जाएंगे। सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है।
Updated on:
06 Apr 2025 09:46 pm
Published on:
06 Apr 2025 01:45 pm
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