
अयोध्या में श्रीराम गर्भगृह की पहली लेयर पूरी, प्लिंथ का काम भी 60 प्रतिशत पूरा
देश के साथ ही पूरी दुनिया की निगाह राममंदिर निर्माण पर है। अयोध्या में रामलला के एक सुन्दर मंदिर का निर्माण तेज गति से हो रहा है। वजह साफ है कि, राम मंदिर के भूतल का संपूर्ण निर्माण अगले वर्ष के अंत तक पूर्ण करना है। साथ ही मकर संक्रांति 2024 के दिन नवनिर्मित मंदिर के भव्य गर्भगृह में रामलला को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के तहत श्रीराम गर्भगृह की पहली लेयर पूरी हो चुकी है। साथ ही संपूर्ण मंदिर की प्लिंथ का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
सात लेयर की होगी गर्भगृह की दीवार
रामलला के गर्भगृह की दीवार सात लेयर की होगी। गर्भगृह कमल की आकृति का आठ कोण वाला होगा। निर्माण निश्चित समय में पूरा करने के लिए दो शिफ्ट में एक हजार कारीगर काम कर रहे हैं। रामलला के गर्भगृह का निर्माण एक जून को शुरू हुआ था। और सवा माह की अवधि में गर्भगृह की पहली लेयर तैयार हो गई है। इसमें लाल बलुआ पत्थर के 70 ब्लाक निर्धारित मानचित्र के अनुरूप शिफ्ट किए जा चुके हैं।
अगले माह तक प्लिंथ निर्माण हो जाएगा पूरा
वहीं संपूर्ण मंदिर की प्लिंथ का 60 फीसद काम पूरा हो चुका है। राम चबूतरा में 17 हजार ग्रेनाइट के ब्लाक प्रयुक्त होने हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के अनुसार, प्लिंथ में प्रयुक्त ब्लॉक की लंबाई-चौड़ाई एवं ऊंचाई पांच गुणे ढाई फीट गुणे तीन फीट है। इसका वजन करीब तीन टन है। डा. अनिल मिश्र ने उम्मीद जताई है कि, अगले माह तक प्लिंथ निर्माण पूरा हो जाएगा।
रिटेनिंग वाल का काम में भी तेजी
श्रीराम के जीवन प्रसंग-12 मीटर ऊंची प्रस्तावित रिटेनिंग वाल पश्चिम और उत्तर में 6 मीटर ऊंची निर्मित भी हो गई है। रिटेनिंग वाल की बाहरी सतह पर श्रीराम के जीवन प्रसंगों को चित्रित किया जाएगा।
Published on:
08 Jul 2022 01:54 pm
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