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आस्था : हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का जन्मोत्सव

रामनगरी अयोध्या में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा देश भर से आये जैन समुदाय के अनुयाइयों ने की कार्यक्रम में शिरकत

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Bhagwan RishabhDev janmotsav Celebrated In jain Mandir Ayodhya

Digambar Jain Manddir Ayodhya

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जी का पावन जन्मोत्सव कार्यक्रम हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया . प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरागत आयोजनों की कड़ी में शनिवार की सुबह 7:00 बजे पूज्य स्वामी रविंद्र कीर्ति जी महाराज के निर्देशन में रायगंज क्षेत्र स्थित भगवान ऋषभदेव जैन मंदिर परिसर में झंडारोहण का कार्यक्रम संपन्न हुआ . जिसके बाद गाजे बाजे के साथ भगवान ऋषभदेव जी के विग्रह को रथ पर आरूढ़ कर एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई , जो रानी बाजार चौराहा ,हनुमानगढ़ी ,श्रृंगार हाट , शास्त्री नगर होते हुए तुलसी नगर क्षेत्र स्थित प्राचीन जैन मंदिर में पहुंची . जहां पूजा अर्चना के साथ प्रतिष्ठापित कर पंचामृत सर्व औषधि एवं पीला लाल चंदन से विग्रह का अभिषेक किया गया .बताते चलें कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय स्वनामधन्य कैलाश चंद्र सर्राफ को प्राप्त हुआ है .जैन समुदाय की विशाल शोभायात्रा तुलसी नगर स्थित मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पुनः रायगंज स्थित जैन मंदिर में वापस पहुंची ,अपराहन 12:00 बजे अखिल भारतीय दिगंबर जैन वैवाहिक समिति की बैठक हुई संपन्न हुई, जिसमें विवाह योग्य वर एवं कन्या के परिचय के बारे में भी चर्चा हुई .


रामनगरी अयोध्या में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा देश भर से आये जैन समुदाय के अनुयाइयों ने की कार्यक्रम में शिरकत

इस धार्मिक आयोजन की कड़ी में दोपहर 1:00 बजे भगवान ऋषभदेव की 31 फीट प्रतिमा का वृहद पंचामृत अभिषेक किया गया . कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में अयोध्या नगर निगम के प्रथम मेयर ऋषिकेश उपाध्याय आमंत्रित किए गए थे . इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री उपाध्याय ने जैन समुदाय के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया एवं आश्वासन दिया कि पर्यटन विभाग से संपर्क कर शीघ्र ही इस परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा . उत्सव मूर्ति स्वामी रविंद्र कीर्ति महाराज ने बताया भगवान ऋषभदेव प्रथम तीर्थंकर एवं संस्थापक हैं ,यह जानकारी आदि पुराण में दर्शाई गई है . उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इस सहयोग की अपेक्षा की है कि जैन समाज के इस पौराणिक स्थल को पर्यटन विभाग की सूची में सम्मिलित कर पर्यटन एवं धर्म प्रचार को बढ़ावा दिया जाए . कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य पंडित नरेश चंद्र जैन हस्तिनापुर एवं पंडित सचेन्द्र जैन कटनी द्वारा किया गया . कार्यक्रम के समापन सत्र में विशाल भंडारे का आयोजन नेमचंद जैन गणेशपुर के सहयोग से हुआ . मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ जैन ने आगंतुक अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन दिया .