
सीएम योगी ने किया राम की प्रतिमा का अनावरण
अनूप कुमार
अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर योगी सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। यहां रामलला का मंदिर अभी नहीं बनेगा, न ही सरयू के किनारे राम की सबसे ऊंची मूर्ति लगेगी। बल्कि इन दोनों वादों से इतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब अयोध्या में 7 फीट की भगवान राम की प्रतिमा का अनावरण करने जा रहे हैं। कर्नाटक के कावेरी कर्नाटक स्टेट आर्ट्स एवं क्राफ्ट इंपोरियम से 35 लाख में खरीदी गयी इस प्रतिमा का अनावरण सीएम योगी आदित्यनाथ 7 जून को करेंगे। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं, सुरक्षा के इंतजाम भी पूरे कर लिए गए हैं। कर्नाटक से खरीद कर लाई गई कोदंब राम की आदम कद प्रतिमा अयोध्या शोध संस्थान के संग्रहालय को एक नयी पहचान देगी। काष्ठ कला की दुर्लभ कृति से बनी 7 फुट ऊंची यह प्रतिमा बेहद आकर्षक बताई जा रही है, जो कि अयोध्या शोध संस्थान में पहुच चुकी है। अब यह प्रतिमा अयोध्या शोध संस्थान की दुर्लभ कृतियों में शुमार होगी। गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ, मणि रामदास छावनी के महंत और श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के 81वें जन्म महोत्सव का शुभारम्भ करने अयोध्या आ रहे हैं। उसी दौरान सीएम इस प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। जिसके बाद वह जन्मोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे। बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने सरयू तट के किनारे विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी की थी, लेकिन उससे पहले ही सीएम योगी अयोध्या को एक और उपहार देने जा रहे हैं।
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है कोदम्ब राम की यह प्रतिमा 2 साल की मेहनत से हुई है तैयार
जानकारी के मुताबिक भगवान राम की प्रतिमा को अयोध्या शोध संस्थान के हस्तशिल्पी निर्मित कलाकृतियों के संग्रहालय में स्थापित किया जाएगा। प्रतिमा की लम्बाई 7 फुट और वजन 4 कुंतल है। इस मूर्ति की स्थापना के साथ ही अयोध्या शोध संस्थान का आकर्षण भी बढ़ जाएगा। अनावरण के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ भगवान राम की मूर्ति के निर्माता को सम्मानित भी करेंगे। एक तरफ तो प्रतिमा के अनावरण को लेकर लोगों में उतसुकता है तो दूसरी तरफ अयोध्या के संतों और मंदिर मस्जिद मुकदमे के पक्षकारों की बयानबाजा भी तेज हो गई है।
राम मंदिर मामले के पक्षकार महंत धर्म दास का कहना है कि भगवान का मंदिर बनने वाला है। कोर्ट में प्रक्रिया चल रही है। उससे पहले अयोध्या में प्रतिमा स्थापित की जा रही है, यह अच्छी बात है। इसका राम मंदिर से कोई लेना देना नहीं है। अयोध्या के विकास के लिए योगी जी नए-नए प्रयास कर रहे हैं। ये खुशी की बात है।
वहीं रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास ने भी सीएम योगी के इस कदम को सराहा। उनका कहना है कि प्रतिमा लग रही है अच्छी बात है। सरकार अपनी योजनाओं पर काम कर रही है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मसला कोर्ट में है। कोर्ट फैसला दे तभी मंदिर निर्माण संभव है। लेकिन इस तरह के प्रयासों से अयोध्या को एक नयी पहचान ज़रूर मिलेगी।
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास के मुताबिक इस तरह का आयोजन तो ठीक है लेकिन जब मंदिर ही नहीं बना है, तो सब अधूरा है। ये तो वही बात है कि सब तरह के व्यंजन परोस दिए जाएं, लेकिन उसमें नमक न हो तो वो बेकार है। उसी तरह राम मंदिर के बिना अयोध्या का सारा विकास अधूरा है।
वहीं बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। सबको अधिकार है कि वह अपने अपने तरीके से पूजा पाठ करे। ज्यादा से ज्यादा लोग भगवान की भक्ति करेंगे तो उन्हें सद्बुद्धि आएगी। अच्छा काम करेंगे और सही राह पर चलेंगे। यह सरकार का अच्छा प्रयास है। अयोध्या धर्म की नगरी है इस तरह की प्रतिमा की स्थापना से अयोध्या में पर्यटन बढेगा और श्रद्धालु अयोध्या आएंगे। यह अच्चा प्रयास है और इसपर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
सात फुट की इस मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम की तैयारी में लगे अयोध्या शोध संस्थान के प्रबंधक राम तीरथ ने बताया कि कोदंब राम की प्रतिमा संस्थान में पहुंच चुकी है। प्रतिमा का अनावरण अस्थायी स्थल पर करवाया जाएगा। बाद में लाइब्रेरी में जब इसका स्थाई प्लैटफॉर्म बन जाएगा, तो उसपर इसे स्थाई तौर पर इस प्रतिमा को स्थापित कर दिया जाएगा।
क्यूं खास है यह प्रतिमा
आम तौर पर प्रतिमाएं पत्थर या धातु की बनाई जाती हैं, लेकिन अपने आप में ये खास है कि अयोध्या में स्थापित होने वाली कोदम्ब राम की यह प्रतिमा लकड़ी की बनी हुई है। बैंगलोर के रहने वाले मूर्तिलाकार एम.राममूर्ति व एम. पति दोनो भाइयों ने मिलकर इस प्रतिमा को दो वर्ष की अथक मेहनत से बनाया बनाया है। दक्षिण भारत में पायी जानी वाली टीकउड लकड़ी से बनी 7 फीट की ऊंची प्रतिमा की ख़ास बात यह है कि यह लकड़ी खराब नहीं होती। इस सुन्दर प्रतिमा को बनाने में बारीक चित्रकारी का प्रयोग किया गया है। इस मूर्तिकार को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 3 वर्ष पूर्व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Published on:
05 Jun 2019 03:17 pm
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