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अयोध्या की शक्तिपीठ जहां सीएम योगी ने झुकाया सिर, जाने उस स्थान का महत्व

छोटी देवकाली मंदिर में माता सीता की कुल देवी के रूप में विराजित है माता गौरी

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माता सीता की कुल देवी के रूप में विराजमान हैं गौरी

माता सीता की कुल देवी के रूप में विराजमान हैं गौरी

अयोध्या की सबसे प्राचीन शक्तिपीठ मां छोटी देवकली का मंदिर है जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में माता रानी का दर्शन करने के लिए भक्त पहुंचते हैं नवरात्रि के इस पवित्र पर्व इस स्थान पर दर्शन मात्र से मनोकामना पूर्ण होती है। जहां पर आज सीएम योगी ने भी माता रानी के दरबार मे किया दर्शन पूजन

माता सीता की कुल देवी के रूप में विराजमान हैं गौरी

अयोध्या के मध्य स्थित माता सीता की कुल देवी के रूप में माता देवकाली है भगवान श्रीराम की पवित्र नगरी अयोध्या के श्री छोटी देवकाली मंदिर में नगर देवी सर्वमंगला पार्वती माता गौरी के रूप में विराजती है। इस स्थान की ऐसी मान्यता है कि मां सीता जब जनकपुरी से अपने ससुराल अयोध्या के लिए चलीं थी तो अपने कुल देवी माता गौरी की प्रतिमा साथ ले आयीं। महाराज दशरथ जी ने अयोध्या स्थित सप्तसागर के ईशानकोण पर माता गौरी का मंदिर बनवा दिया था जहां माता सीता तथा राजकुल की अन्य रानियाँ पूजन हेतु जाया करती थीं।

मुगलों ने इस स्थान पर भी किया था हमला

आज यह रामायण कालीन मंदिर अपनी भव्यता और श्रेष्ठता के चलते भारत का प्रमुख देवस्थल बन चुका था। हूणों और मुगलों के आक्रमण से देवकाली मंदिर दो बार ध्वस्त हुआ। पहली बार इसका पुनर्निमाण महाराज पुष्यमित्र ने और दूसरी बार मुगलों द्वारा ध्वस्त किये जाने पर बिन्दु सम्प्रदाय के महांत ने इस भव्य मंदिर के स्थान पर एक छोटी सी कोठरी का निर्माण कराया। तब से आज तक इस मंदिर में पूजा पाठ चल रहा है । रूद्रयामल और स्कन्दपुराण में भी श्री देवकाली जी और उनके मंदिर का उल्लेख मिलता है, जिससे इस ऐतिहासिक मंदिर की पौराणिकता प्रमाणित होती है। तथा वही चीनी यात्री ह्वेनसांग व फाहियान ने भी अपने यात्रा में इस मंदिर की प्रतिष्ठा, वैभव और विशेषता का उल्लेख किया है।


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