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बताते चलें कि लंबे समय से इस बात को लेकर चर्चा जारी है कि फैजाबाद और अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर अपनी पहचान छुपाकर रहने वाले गुमनामी बाबा नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे .गुमनामी बाबा के अनुयायियों के मुताबिक उनके कमरे से मिले सभी सामान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ( Gumnami Baba Was Not Neta Ji Subhash Chandra Bose ) के जीवन से जुड़े हैं . इसी वजह से लोगों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस है . खास बात यह भी है कि विधानसभा में जांच आयोग की रिपोर्ट रखे जाने से इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की लंबे से समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो जाएगी | कैबिनेट ने इस जांच रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है अब इस रिपोर्ट को विधानसभा में रखा जा सकेगा |
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बताते चलें कि फैजाबाद में लंबे समय तक रहे गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी( Gumnami Baba Urf Bhagwan Ji ) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस होने की बात सरकार के संज्ञान में तब आई थी जब गुमनामी बाबा के निधन के बाद उनके पास मिले सामान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पुराने फोटो ,पत्र कई अहम दस्तावेज और कुछ ऐसे सामान भी पाए गए थे जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने प्रयोग में लाते थे | जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए एक सदस्य जांच आयोग गठित किया गया था | जांच आयोग ने वर्ष 2017 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी तब से लोग इस बात को जानने के लिए उत्सुक थे कि आखिरकार सच्चाई क्या है और यह मामला लोकसभा और विधानसभा में भी उठा कि इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए | रिपोर्ट सार्वजनिक किये जाने के बाद कई और अहम् जानकारियाँ सामने आ सकती हैं |