
राम मंदिर बाबरी मस्जिद मसले पर मुस्लिम पक्ष की दलली शुरू, मुस्लिम पक्ष की सुनवाई करने वाले वकील ने लगाए ये आरोप
अयोध्या. भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद में हिंदू पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की दलीलें शुरू हो गईं। इससे पहले कोर्ट ने 16 दिन तक हिंदू पक्ष की दलीलें सुनी थीं । हिंदू पक्ष की तरफ से रामलला विराजमान और निर्मोही अखिाड़ा ने अपना पक्ष रखा था।
मुस्लिम पक्ष की सुनवाई की शुरुआत में कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को मिली धमकी के खुलासे से हुई। मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने अवमानना याचिका दाखिल कर एक पूर्व आईएएस अधिकारी पर मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर की।
सुनवाई पूरी करने के लिए मांगा 20 दिन का समय
राजीव धवन का आरोप है कि उन्हें घर और न्यायालय परिसर में अनेक लोगों के धमकी देने वाले आचरण का सामना करना पड़ रहा है। धवन ने कहा, राजस्थान निवासी संजय कलाल बजरंगी से भी एक व्हाट्सएप संदेश मिला है, जो शीर्ष अदालत के न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप का प्रयास है। साथ ही उन्होंने वरिष्ठ वकील पीएन मिश्रा पर की गई टिप्पणियों के लिए माफी मांगी और कहा कि उनके लिए लगातार दलीलें देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने अपनी दलीलें पूरी करने के लिए 20 दिन के समय की मांग की।
हिंदू पक्ष की दलील में कही गई ये बातें
शुक्रवार तक अदालत में रामलला विराजमान, निर्मोही अखाडा़, हिंदू महासभा, श्रीरामजन्मभूमि पुनरुत्थान समिति की ओर से दलीलें पेश की जा चुकी हैं। हिंदू पक्ष के सभी पक्षकारों की तरफ से इईस मामले में ऐतिहासिक तथ्यों, पुराणों, रिपोर्ट्स का हवाला दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिलचस्प दलीलें रखी गईं। कभी रामलला को नाबालिग बताया गया तो कभी मालिकाना हक के सबूत डकैती में लुटने की बात सामने आई। सुप्रीम कोर्ट ने भी राम के वंशज के बार में पूछकर हलचल मचा दी। निर्मोही अखाड़ा के वकील पीएन मिश्रा ने अदालत में अपनी दलील पूरी की थी। उनकी ओर से अदालत में बताया गया कि उस जगह पर आखिरी नमाज 16 दिसंबर 1949 को हुई थी, जिसके बाद दंगे हो गए थे और उसके बाद प्रशासन ने नमाज बंद करवा दी थी। उनका तर्क था कि जहां नमाज नहीं अदा की जाती, वह स्थान मस्जिद नहीं मानी जा सकती।
नवंबर में आ सकता है फैसला
मंदिर-मस्जिद सुनवाई पर नवंबर में फैसला आ सकता है। मामले की सुनवाई 6 अगस्त से शुरू हुई थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में कोर्ट के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बेंच सीजेआई के रिटायर होने से पहले ही फैसला सुना सकता है। विवादित जमीन का दो तिहाई हिस्सा, जिसे मिला उसकी सुनवाई 25 दिनों में ही पूरी होने से अब जल्द फैसला आने की संभावना बढ़ गई है।
Updated on:
02 Sept 2019 01:24 pm
Published on:
02 Sept 2019 01:07 pm
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