
Ayodhya News: अस्पताल में बच्चे के जन्म और किसी की मौत के साथ ही प्रमाणपत्र जारी न करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसेगा। मुख्य सचिव ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश की हद में निजी व सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं। प्रदेश में हर माह करीब पौने दो लाख बच्चे जन्म लेते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इनमें से 83 फीसदी प्रसव संस्थागत होते हैं। यानि बच्चे अस्पताल में जन्म लेते हैं।
अस्पताल में पैदा होने वाले सभी बच्चों के मामले में मां की अस्पताल से छुट्टी होने से पहले जन्म का पंजीकरण कर प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश दिए गए हैं। ठीक इसी तरह किसी भी स्थिति में अस्पताल में मौत होने पर उसे भी पंजीकृत कर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाना है। मगर जन्म और मृत्यु दोनों ही मामलों में शत-प्रतिशत ऐसा नहीं हो पा रहा। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इसे लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
गौरतलब है कि शासन को ऐसी तमाम शिकायतें मिल रही थीं कि बच्चे के जन्म के बाद उसके परिजनों को कई-कई दिन जन्म प्रमाणपत्र के लिए अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसी के दृष्टिगत मुख्य सचिव को यह आदेश जारी करना पड़ा। इस आदेश के बाद मन जा रहा है कि लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।
Published on:
22 Oct 2023 04:16 pm
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