
अयोध्या : देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रहे बाबरी मस्जिद राम मंदिर मुकदमे की अंतिम सुनवाई में अब लगभग 10 दिन का समय और बचा है | 18 अक्टूबर तक इस मुकदमे में दोनों पक्षों को अपनी बहस पूरी कर लेनी है | जिसके बाद अगले 30 दिनों के अन्दर इस मुकदमे पर फैसला आने की पूरी संभावना है | कोर्ट की इस कार्यवाही को लेकर जहां लम्बे समय से प्रतीक्षा कर रहा संत समाज बेहद खुश नज़र आ रहा है, वहीँ अयोध्या में बाबरी मस्जिद मुकदमे के एक अहम् पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी कोर्ट की कार्यवाही को सराहा है |
इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट आज ही फैसला कर दे उस फैसले को मानने के लिए तैयार है. वह अब इस फैसले को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहते और न ही फैसले को लटकाना चाहते हैं | इस मुकदमे की वजह से अयोध्या बहुत पीछे चली गयी अब और इंतज़ार नहीं किया जा सकता | गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्पष्ट कर दिया कि इस मुकदमे में बहस के लिए समय दिए जाने की अब कोई गुंजाइश नहीं है सभी पक्षकार तय समय में अपनी बहस पूरी कर लें |
श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है कि भगवान श्री राम के जन्म स्थान को लेकर कोई संसय नहीं है. राम के लिए प्रमाण की जरूरत नहीं है. अयोध्या की सुंदरता उसका अस्तित्व भगवान श्री राम से ही है. यदि कोई प्रमाण दे कि राम का जन्म कहीं और हुआ तो बताएं. आज जहां श्री राम विराजमान हैं, वही उनका जन्म स्थान है,आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि अयोध्या मसला जटिल है. संविधान पीठ के पैनल को सुनवाई के लिए धन्यवाद है. अब नवंबर तक फैसला आने की आशा संत समाज रख रहा है. सितंबर 2010 को हाई कोर्ट ने जो निर्णय दिया था वह किसी को समझ नहीं आया था. सुप्रीम कोर्ट सूझबूझ से निर्णय देगा संतों को यह विश्वास है | अयोध्या के आम लोगों में भी फैसला आने की ख़ुशी ज़रूरी है लेकिन उस से पहले सुरक्षा से जुडी जटिलताओं को लेकर लोग तनाव में हैं |
Published on:
26 Sept 2019 05:41 pm
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