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राम मंदिर के ट्रस्टी जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने नृत्य गोपाल से की मुलाकात

ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती 19 फरवरी की बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल किए जाने का रखेंगे प्रस्ताव

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राम मंदिर के ट्रस्टी जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने नृत्य गोपाल से की मुलाकात

राम मंदिर के ट्रस्टी जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने नृत्य गोपाल से की मुलाकात

अयोध्या : राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की 19 फरवरी को होने वाली पहली बैठक से पूर्व ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती अयोध्या पहुंचे। जहां मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की और बंद कमरे में वार्तालाप किया। जिसके बाद उत्तराधिकारी कमल नयन दास से भी मुलाकात की। इस दौरान जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वरी ने महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल किये जाने पर सहमति दी है।

राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद सरकार के द्वारा ट्रस्ट गठन किया गया जिसमे अयोध्या के संतों को स्थान न मिलने से नाराजगी जाहिर की थी। वहीं अब राम मंदिर निर्माण से पहले नाराज संतों को मनाने की प्रकिया तेज हो गई है लगातार ट्रस्टियों के द्वारा महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात किया जा रहा है। वहीं आज ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती भी मुलाकात के लिए अयोध्या पहुंचे जहां बंद कमरे देर तक हुई वार्ता के बाद ट्रस्ट में शामिल किए जाने का इशारा किया है।

अयोध्या पहुंचे ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि राम मंदिर निर्माण के संबंध में 19 फरवरी को दिल्ली में ट्रस्ट की बैठक होनी है उंसमे जो कुछ सामने आएगा उस पर निर्णय लिया जाएगा। वही बताया कि महंत नृत्य गोपाल दास की भूमिका रामजन्मभूमि आंदोलन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है सारी गतिविधियां यहीं से चलती रही है इसलिए महंत नृत्य गोपाल दास का नाम ट्रस्ट में होना चाहिए और अपनी तरफ से पूरा प्रयास करूंगा। वही बताया कि यह पहली बैठक परिचयात्मक रूप में होगी लेकिन माना जा रहा है कि तिथि की घोषणा के संबंध में भी विचार किया जाएगा। अयोध्या के संत व विश्व हिंदू परिषद को शामिल किए जाने पर बताया कि यह ट्रस्ट गठन का दायित्व सरकार पर था। फिरहाल सरकार ने सार्वजनिक बनाने का प्रयास किया है। वहीं कहा कि अयोध्या के सभी सन्तों को शामिल नही जा सकता है। और भारत में 130 करोड़ लोग हैं सभी को शामिल नहीं किया जा सकता। लेकिन सरकार ने जिसे उपयुक्त समझा उसे किया। वही मंदिर मॉडल को लेकर साफ कर दिया कि मैंं पुराने मॉडल को ही मंदिर मानता हूं।


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