
Ram Mandir Ayodhya
ram mandir ayodhya भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद वनवास से आने का इंतजार करने वाले किन्नर अब गोवंश रक्षा का संदेश देने के लिए महाराष्ट्र से बैलगाड़ी चलाकर अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे हैं। विदर्भ किन्नर संस्थान से जुड़ी और जूना अखाड़े से संबद्ध किन्नर अखाड़े से दीक्षित महंत गुड्डी बाई और मधुबाई महाराष्ट्र के अमरावती से 21 फरवरी को रामलला के दर्शन के लिए बैलगाड़ी से रवाना हुई थीं।
मधुबाई ने बताया कि महाराष्ट्र में अमरावती से तीन सप्ताह से अधिक की बैलगाड़ी से सतत यात्रा करके किन्नर अखाड़े की महंत अपनी टोली के साथ कारसेवकपुरम पहुंची हैं।
उन्होंने बताया कि बैलगाड़ी से इतनी लंबी दूरी तय करने का उद्देश्य गोवंश की रक्षा का संदेश देना है। भगवा वेशधारी गुड्डी बाई रास्ते भर मिले अपार स्नेह से अभिभूत हैं। वह कारसेवकपुरम पहुंचीं। पुरम के प्रभारी शिवदास सिंह ने उनके रहने और बैलों के चारे-पानी का इंतजाम कराया। महंत की सहयोगी किन्नर मधु बाई उच्च शिक्षित हैं। वे बताती हैं कि कुछ दिन रामलला के दर्शन के उपरांत अयोध्या घूमकर बैलगाड़ी से ही वापस जाएंगी।
गुड्डी बाई ने बताया कि हमारा उद्देश्य प्रभु राम के दर्शन करना है। साथ ही गोवंश के सरंक्षण का संदेश भी देना है। हम चाहते हैं कि गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए।
मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास काटने के लिए अयोध्या छोड़ने लगे, तब उनकी प्रजा और किन्नर समुदाय भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे थे। श्रीराम ने उन्हें वापस अयोध्या लौटने को कहा। लंका विजय के पश्चात जब श्रीराम 14 साल बाद वापस अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनका इंतजार कर रहे थे।
उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। उस समय से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में किन्नर लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
Updated on:
13 Mar 2024 08:04 pm
Published on:
13 Mar 2024 08:03 pm
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