31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इसलिए अयोध्या से जुड़ाव महसूस करते हैं लाखों कोरियाई, जानें- रानी सूरीरत्ना का इंडिया कनेक्शन

कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी किम जोंग-सूक अयोध्या में रानी सूरीरत्ना के स्मारक का शिलान्यास करेंगी साथ ही दीपोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा भी लेंगी

2 min read
Google source verification
connection of Ayodhya and korea

इसलिए अयोध्या से जुड़ाव महसूस करते हैं लाखों कोरियाई, जानें- रानी सूरीरत्ना का इंडिया कनेक्शन

अयोध्या. साउथ कोरिया के राष्ट्रपित मून जे-इन की पत्नी किम जोंग सूक 4 नवम्बर को भारत आ रही हैं। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी होगा। किम जोंग सूक 4 नवम्बर से 7 नवम्बर तक भारत में ही रहेंगी। 6 नवम्बर को वह अयोध्या में सरयू तट पर स्थित रानी सूरीरत्ना (हौ ह्वांग-ओक) के स्मारक का शिलान्यास करेंगी और योगी सरकार के दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लेंगी। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों 60 लाख कोरियाई अयोध्या से जुड़ाव महसूस करते हैं।

इतिहास के पन्नों को पलटें तो हमें पता चलता है कि भारत और कोरिया के बीच लंबे समय से गहरा रिश्ता है। 'साम्गुक युसा' नामक पुस्तक में दक्षिण कोरियाई इतिहासकार इर्यान ने कोरिया और अयोध्या के रिश्तों के बारे में लिखा है। उनके मुताबिक, लगभग 48 ईसा पूर्व अयोध्या की राजकुमारी सूरी रत्ना नौकायन के दौरान दक्षिण कोरिया पहुंच गई थीं। उन दिनों कोरिया में 'काया' राजवंश का शासन था और किम सुरो वहां का राजा था, जिससे राजकुमारी हो को प्रेम हो गया और दोनों वैवाहिक बंधन में बंध गए थे। राजकुमारी सूरी रत्ना जब कोरिया पहुंचीं वह 16 वर्ष की थीं।

इसलिये अयोध्या से जुड़ाव महसूस करते हैं कोरियन
कारक गोत्र के तकरीबन 60 लाख कोरियाई खुद को राजा सुरो और अयोध्या की राजकुमारी हो का वंशज मनाते हैं। यह संख्या दक्षिण कोरिया की आबादी के 10वें हिस्से से भी अधिक है। इसीलिए दक्षिण कोरिया की बड़ी आबादी आज भी खुद को किम सुरो की 72वीं पीढ़ी बताती है और अयोध्या के मौजूदा राज परिवार को काया राजवंश का हिस्सा मानते हैं और इस राजवंश से जुड़े लोगों का सम्मान भी करते हैं।

अयोध्या को 'अयुता' कहते हैं कोरियन
दक्षिण कोरियन साहित्य में अयोध्या को 'अयुता' के नाम से जाना जाता है। हालांकि, अयोध्या का पहले नाम साकेत था। दक्षिण कोरियन सरकार ने पूर्व रानी की स्मृति में एक स्मारक भी बनवा रखा है। अयोध्या और कोरिया के कनेक्शन का एक बड़ा कारण और भी है। अयोध्या के राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा के परिवार ने एक दूसरे को चूमती मछलियों का जो राज चिन्ह पीढ़ियों से संभालकर रखा है, वही राज चिन्ह कोरिया के राजा किम सुरो का भी था।

देखें वीडियो...