
राममंदिर का निर्माण
Ram Mandir News: छह दिसंबर 1992 को अनियंत्रित कारसेवकों की भीड़ ढांचा तोडऩे लगी थी। दूसरी तरफ एक मंच से अशोक सिंहल, एलके आडवाणी, एचवी शेषाद्री, उमा भारती, विनय कटियार लगातार अनाउंस कर रहे थे कि कानून अपने हाथ में न लें, सभी कारसेवक शांतिपूर्ण तरीके से राम भजन करें। एचवी शेषाद्री अंग्रेजी, हिंदी और कई दक्षिण भारतीय भाषाओं में अपील कर रहे थे लेकिन कारसेवकों पर जूनून सवार था कि इस कलंक को मिटा देना है। ढांचा टूट रहा था तो एक पत्रकार ने एलके आडवाणी से पूछा, यह क्या हो रहा है ? आडवाणी ने कहा इतिहास खुद को दुहरा रहा है। अपनी पुस्तक भारत का मन में राज्य सभा के पूर्व सदस्य रहे तरुण विजय इसका विस्तार से वर्णन करते हैं।
अब राममंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है तो अयोध्या के इतिहास के साथ भूगोल भी बदलने लगा है। वैश्विक मानचित्र पर अयोध्या हिंदुओं का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरने जा रहा है तो यहां उसी के अनुरुप विकास के कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार चाहती है कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किया जाए। यहां पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। राममंदिर की तर्ज पर विकसित हो रहा भव्य रेलवे स्टेशन अयोध्या में कदम रखते ही यात्रियों को आस्था की नई यात्रा के अनुभव देगा। राम मंदिर को जाने वाली तमाम रास्तों को चौड़ा एवं भव्य बनाने का कार्य भी चल रहा है। रामनगरी को साफ सुथरा रखने के उद्देश्य से सीवर लाइन बिछाने का कार्य भी गतिमान है। जबकि बिजली की लाइन को अंडर ग्राउंड करने का कार्य भी चल रहा है।
रामपथ, भक्तिपथ व जन्मभूमि पथ का निर्माण जारी
अयोध्या जाने वाले मार्ग संकरे होने के चलते इन्हें चौड़ा करने का कार्य भी जारी है। हाइवे से रामनगरी को जोडऩे के लिए भक्तिपथ और रामपथ के निर्माण कार्य जोरों पर है। इतना ही नहीं, इन पथों की शोभा बढ़ाने के लिए इस पर राम स्तंभ भी बनाये जाएंगे। साथ ही इसके डिवाइडर पर विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे। लगने वाले स्तंभ श्रद्धालुओं को राममंदिर की ओर जाने में एक लैंड मार्क का भी कार्य करेंगे। प्राधिकरण ने स्तंभों की डिजाइन भी तैयार कर ली है। भक्ति पथ की लंबाई चार किलोमीटर, जबकि रामपथ की लंबाई 13 किलोमीटर है। कुल मिलकार करीब 17 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 25 स्तंभ लगाए जाएंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में
राम नगरी में मंदिर निर्माण के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा पर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है। देश-विदेश से पर्यटकों के संभावित आगमन को देखते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम एयरपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है, जो अंतिम चरण में है। 2200 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े रनवे का निर्माण कार्य लगभग 95 फीसदी पूरा हो चुका है। अगले चरण में इसकी लंबाई बढ़ाकर 3125 मीटर कर दी जाएगी। मान जा रहा है कि भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही यहां छोटे यात्री विमानों का आवागमन शुरू हो जाएगा। श्रीराम एयरपोर्ट पर खराब मौसम और लो विजिबिलिटी के समय भी विमानों के उतरने की सुविधा होगी। इस एयरपोर्ट की निर्माण पर कुल 320 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है।
सरयू में दौड़ेंगे क्रूज, करेंगे पर्यटकों को आकर्षित
रामनगरी स्थित पवित्र पावनी सरयू नदी में कनक महल और पुष्पक भी जल विहार कराएंगे। यह नाम उन हाउस बोट और क्रूज के हैं जो जल्द ही पर्यटकों को लुभाएंगे। रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के साथ रामनगरी वैश्विक पर्यटन के सर्किट में स्थापित हो रही है। इसी क्रम में लंदन की टेम्स नदी और दुबई के मरीना की भांति रामनगरी की सरयू नदी में हाउस बोट भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध होगी। दुबई और लंदन में माइन हाउस बोट का संचालन करने वाली कम्पनी अलकनन्दा क्रूज लाइंस सरयू नदी में पहली बार क्रूज और हाउस बोट का संचालन करेगी। कंपनी का दावा है कि नदी में इस तैरते होटल को माडर्न हाउस बोट का नाम दिया गया है। भारत में पहली बार यह सुविधा अयोध्या में दी जा जाएगी। हाउस बोट में कश्मीर की डल झील के हाउसबोट से अधिक सुविधाएं रहेगी। प्रति व्यक्ति 3500 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये किराया रहेगा। इसके साथ ही सरयू नदी में आठ और दस कमरे वाले दो हाउस बोट भी संचालित किए जाएंगे, जिसमें लग्जरी होटल की सुविधा होगी। दोनों हाउस बोट कोच्चि से बन कर आएंगे। इनमें एक दिन ठहरने के लिए प्रति व्यक्ति 3500 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये किराया देना होगा। अयोध्या में क्रूज का संचालन नगर निगम करवाएगा। अलकनंदा क्रूज लाइन्स प्राइवेट लिमिटेड और नगर निगम के बीच इसके लिए अनुबंध भी हो चुका है। इसके विस्तार के लिए पर्यटन विभाग की छह हजार वर्गमीटर भूमि भी नगर निगम को मिल चुकी है। अलकनंदा क्रूज लाइंस के निदेशक विकास मालवीय ने बताया कि क्रूज और हाउसबोट दीपोत्सव तक सरयू नदी में दिखाई देने लगेंगे। घाटों को काशी की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।
फैसले के साथ ही आसमान छूने लगे थे जमीन के भाव
राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के साथ ही अयोध्या में जमीन के भाव असमान छूने लगे थे, हालांकि समय बीतने के साथ ही वे स्थिर हो गए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जमीनों पर असर सिर्फ शहर तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि रामनगरी से सटी बाज़ारों में भी जमीनों के भाव काफी बढ़ गए। जानकारों का मानना है कि रामनगरी में बिक्री के लिये रिहाइशी भूमि नाममात्र ही है, जो काफी महंगी है। इसलिए मजबूरी में लोग बाहरी क्षेत्रों में जमीन खरीदने को तरजीह दी रहे हैं।
Published on:
05 Aug 2023 08:03 am
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