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अयोध्या से पीएम मोदी को भेजा गया पत्र, राष्ट्रीय ग्रंथ बने राम चरित मानस और गीता

मित्र मंच के संयोजक शरद पाठक ने देश के प्रधानमंत्री प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर मांग की है।

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राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए पीएम को पत्र

राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए पीएम को पत्र

विश्व के करोड़ों सनातनी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए श्रीराम चरित मानस और श्रीमद भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया जाने की मांग तेजी हुई।

पीएम और सीएम को भेजा मांग पत्र

जिसको लेकर मित्र मंच के संयोजक शरद पाठक ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा है।

थाईलैंड में रामचरितमानस का राष्ट्रीय ग्रंथ

उन्होंने बताया कि थाईलैण्ड जैसे देश में जहां सनातनी हिंदुओं की आबादी भारत से काफी कम है वहां इसे राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया गया है।

देवों की भूमि पर अब तक राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित नहीं

भारत जैसे देश जिसे देवों की भूमि कहा गया है वहां राष्ट्रीय ग्रन्थ नहीं घोषित किया गया है जो शर्मसार करता है।

राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए पीएम को पत्र

जिसके इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर दोनों ग्रन्थों को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की मांग की है।

सनातन धर्म किस ग्रंथ को बनाया जा रहा निशाना

उन्होंने मांग उठाई है कि जिस प्रकार से हमारे ग्रन्थों को अपमानित कर सनातन धर्म को निशाना बनाया जा रहा है उस पर भी रोक लगनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को भी पत्र की प्रतिलिपि भेज अपनी मांग उठाई है।

इकबाल अंसारी ने भी दिया समर्थन

जब कि इसके पहले अयोध्या से मुस्लिम समुदाय से जुड़े इकबाल अंसारी ने भी राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किये जाने का समर्थन किया है।

इकबाल अंसारी मूवी रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने पर सहमति जताते हुए कहा कि पवित्र ग्रंथों पर टिप्पणी करना गलत है।

हजारों वर्ष पहले लिखी गई थी रामचरितमानस

उन्होंने कहा कि रामचरितमानस हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ है इस ग्रंथ को हजारों वर्ष पहले लिखा गया था इस पर आज राजनीति करना नहीं चाहिए।

हिंदू ग्रंथ की पवित्रता के लिए सरकार उठाए कदम

तो वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की है कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित हो जिससे इसकी अखंडता और पवित्रता पर कोई आपत्ति ना कर सके।