
रूठे साधु-संत को मनाएगा ट्रस्ट, करीब 300 को भेजा बुलावा
अयोध्या. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर का निर्माण कंक्रीट और पत्थरों से होगा, जो कि अपनी भव्यता को प्रदर्शित करेगा। यह कहना है विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय का। उन्होंने कहा है कि तीन साल के अंदर भव्य राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, 10 और 11 नवंबर को दिल्ली में दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की अहम बैठक होने जा रही है। यह मीटिंग कई मायनों में खास मानी जा रही है। इस बैठक में देशभर से 300 से ज्यादा साधु-संतों को आमंत्रण भेजा गया है। ऐसी संभावना जताई गई है कि देश की आधी हिन्दू आबादी से मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक मदद के रुप में सहयोग भी लिया जाएगा। वहीं इस बैठक के जरिए उन साधु संतों को भी मनाने की कोशिश की जाएगी जिन्हें कोविड के चलते पांच अगस्त के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था। इससे उन साधु-संतों में नाराजगी थी। बैठक के जरिये साधु-संतों की इश नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
कूपन के माध्यम से होगा धन संग्रह
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में अधिकाधिक आम हिंदू समाज की सहभागिता हो, इसके लिए अनेक कार्यक्रम तय किए जाएंगे। इसकी रूपरेखा दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में बनेगी। मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले हिंदू परिवारों को कूपन दिया जाएगा। पहले10 रुपये का कूपन दिए जाने की योजना है। इसके अतिरिक्त 100 रुपये के कूपन पर भी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि बैठक में प्रयागराज माघ मेले में होने वाले विहिप के कार्यक्रम पर भी मंथन होगा। जनवरी माह से ही विहिप की ओर से साहित्य का वितरण किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संस्कार भारती की होगी।
मंदिर में लगेंगे 1200 खंभे
ट्रस्ट के महासचिव ने मंदिर के निर्माण को लेकर कहा कि मंदिर की मजबूती के लिए 100 फीट की गहराई तक 1200 खंभे लगाए जाएंगे। इसके बाद पांच फिट मोटा कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाया जाएगा। उसके ऊपर पत्थर से निर्माण होगा। उसकी ऊंचाई साढ़े सोलह फिट रहेगी। किसी भी चरण में लोहा यानी सरिया का प्रयोग नहीं होगा। इसकी वजह यह कि लोहे में जंग लग जाता है। इससे भवन की आयु कम हो जाती है। मंदिर में अभी पाइलिंग का काम चल रहा है। करीब एक महीने बाद इसकी मजबूती जांची जाएगी। सब ठीक रहा तो आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रामेश्वर और जग्गनाथपुरी की तर्ज पर बनेगा परकोटा
श्रीराम के मंदिर में परकोटा उसी तरह बनाया जाएगा जिस तरह रामेश्वरम और जग्गनाथपुरी में बना है। तीन साल के अंदर मंदिर का मुख्य भवन, परिक्रमा और परकोटा का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त मंदिर के गर्भगृह में कोई बदलाव नहीं होगा। पांच अगस्त को जहां प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने शिला पूजन किया था, वही मंदिर का गर्भगृह रहेगा। पहले मंदिर ट्रस्ट के पास सिर्फ 1500 वर्ग गज जमीन थी। पूर्व में निर्धारित मंदिर का डिजाइन उसी जमीन के अनुसार था। अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 70 एकड़ जमीन मिल गई है। इसे देखते हुए मंदिर के डिजाइन में मामूली बदलाव किया गया है लेकिन मूल स्वरूप उसी तरह दिखेगा। अब मंदिर तीन एकड़ में बनेगा। लंबाई में एक गुंबद बढ़ा दिया गया है जब कि दो गुंबद अगल बगल बढ़ाए गए हैं।
Published on:
03 Oct 2020 04:23 pm
बड़ी खबरें
View Allअयोध्या
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
