
Ayodhya : कोर्ट का फैसला आने से पहले मंदिर मस्जिद को लेकर समझौते की एक और कोशिश शुरू
अयोध्या : देश की सर्वोच्च अदालत में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे की सुनवाई निर्णायक दौर में है , फिर भी इस मामले को आपसी बातचीत से सुलझाने की कोशिशें रुकी नहीं हैं | इसी कोशिश में मंगलवार को अखिल भारतीय मुस्लिम फोरम का एक डेलिगेशन ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष व जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जनमेजय शरण सहित कई अन्य संतों से मिला। इस मसले में कुछ बीच का रास्ता निकले इसलिए 10 हजार पत्रको पर लोगों से दस्तखत करवा कर कोर्ट को सौंपा गया है।डेलिगेशन ने इसकी जानकारी भी दी। सिर्फ यही नहीं मुस्लिम डेलिगेशन ने निर्मोही अखाड़े के दावे को भी मजबूत बताया।
मुस्लिम फोरम के बैनर तले पहुंचे डेलिगेशन में पूर्व एमएलए मुईद अहमद, एडवोकेट अमीर हैदर, पूर्व कस्टम कमिश्नर तारिक गौरी, पूर्व जज बीडी नकवी, सामाजिक कार्यकर्ता वहीद सिद्धकी, सीआरपीएफ के पूर्व आईजी आफताब अहमद खां, ने महंत जनमेजय शरण के साथ पक्षकार व निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, रामलला के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े के वकील रणजीत लाल वर्मा सहित कई अन्य संतों से मुलाकात की। दोनों ही तरफ के लोगों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बने। इस बात की वकालत की । मुस्लिम फोरम के लोगों ने कहा देश में प्रेम और सद्भावना बना रहे इसलिए अयोध्या से मोहब्बत का पैगाम जाना चाहिए ।राम का भव्य मंदिर बने लेकिन बदले में अयोध्या के किसी मुनासिब जगह में मस्जिद के लिए भी स्थान दिया जाए। राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम डेडीकेशन ने निर्मोही अखाड़ा के दावे को मजबूत बताया और कहा कि पिछले 150 साल से निर्मोही अखाड़ा इस मामले में केस लड़ रहा है। मुस्लिम डेलिगेशन सद्भावना के साथ साथ कहीं न कहीं निर्मोही अखाड़ा के पक्ष में भी खड़ा होता नजर आ रहा है।
Updated on:
24 Sept 2019 05:28 pm
Published on:
24 Sept 2019 05:26 pm
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