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राम मंदिर के लिए भूमिपूजन में होगा पौराणिक नदियों के जल का इस्तेमाल

पांच अगस्त को भूमिपूजन की शुरुआत पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों ही होगी। राम मंदिर आधारशिला का भूमिपूजन देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों से होगी

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अयोध्या. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रामजन्मभूमि परिसर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। पीएम मोदी के आगमन और भूमिपूजन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। रामजन्मभूमि में रामलला के मंदिर आधारशिला कार्यक्रम की शुरुआत तीन अगस्त को गणपति उत्सव से होगी। हालांकि, पांच अगस्त को भूमिपूजन की शुरुआत पीएम मोदी के हाथों ही होगी। राम मंदिर आधारशिला का भूमिपूजन देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों से होगी। प्रमुख रूप से पूज्य गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती और रामगंगा सरयू के जल व मिट्टी को पूजन के लिए मंगाए गया है। सप्तसागर के जल और मिट्टी से भी पूजन किया जाएगा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले तीन अगस्त से ही राम जन्मभूमि परिसर में पूजन उत्सव शुरू हो जाएगा। राम मंदिर की आधारशिला भूमि पूजन के लिए देश की पौराणिक नदियों के जल और मिट्टियों को मंगाया जा चुका है।

2022 तक हो राम मंदिर का निर्माण

महंत कमल नयन दास ने कहा कि संत समाज की इच्छा है कि 2022 तक राम मंदिर निर्माण हो जाए। जिससे 2022 में रामनवमी भव्य तरीके से राम मंदिर में मनाई जा सके। वहीं रामानंद संप्रदाय के जगतगुरु राम दिनेशचार्य का कहना है कि रामेश्वरम से भी जल और मिट्टी को अयोध्या लाया गया है। भगवान श्री राम और शिव एक दूसरे के पूरक हैं। ऐसे में इस संबंध को स्थापित करने के लिए रामेश्वरम की मिट्टी और जल का भूमि पूजन में उपयोग की जा रही है।

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