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railway action in Ayodhya: रेलवे के एक्शन के बाद उड़ी लोगों की नींद, जानिए क्या है मामला

रेलवे की सैकड़ों बीघा जमीन पर 200 से ज्यादा अवैध घर-दुकानें, गोसाईगंज में पैमाइश के दौरान खुलासा, केस दर्ज कर होगी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई, मकान, दुकान, मंदिर व मस्जिद समेत इंटर कॉलेज व पशु चिकित्सालय तक बना लिए

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प्रतीकात्मक चित्र

Ayodhya News: गोसाईगंज रेलवे स्टेशन के आसपास रेल लाइन के दोनों ओर सैकड़ों बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान, दुकान, होटल और स्कूल तक बनवा लिए हैं। इसी भूमि पर राजकीय इंटर कॉलेज, पशु चिकित्सालय, मंदिर और मस्जिद भी बने हैं। 23 अगस्त को रेलवे व जिला प्रशासन की टीम ने जब जमीन की पैमाइश की तब जाकर इसका खुलासा हुआ। इसके बाद स्टेशन अधीक्षक ने आरपीएफ अकबरपुर को पत्र लिखकर सभी अवैध कब्जेदारों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कहा है। रेलवे के अधिकारियों की मौजूदगी में राजस्व विभाग की टीम ने नगर के | पश्चिम रेलवे क्रॉसिंग से लेकर पूर्वी रेलवे - क्रॉसिंग तक पैमाइश की। इस दौरान पता चला कि महबूबगंज गोसाईगंज जोड़ने वाले मार्ग पर रेलवे क्रॉसिंग कागजों में तो 18 मीटर दर्ज है, जबकि मौके पर आठ मीटर ही है। वहीं, अमसिन से गोसाईगंज बस अड्डे को जोड़ने वाला मार्ग 24 मीटर है, लेकिन मौके पर 10 मीटर ही 1 रेलवे के कब्जे में है।

त्र बताते हैं कि रेलवे की 25 फीसदी जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर अपना निर्माण कर लिया है। पैमाइश के दौरान पता चला कि रेलवे की भूमि पर लगभग 200 से ज्यादा लोगों ने मकान बना लिया है। अवैध कब्जेदारी का यह खेल कई दशक पूर्व से चल रहा है। यही नहीं, रेलवे लाइन के किनारे बसे लोग भी रेलवे की सौ मीटर की चौड़ाई में कई किमी. तक कब्जा कर वहां खेती आदि कर रहे हैं। पैमाइश के दौरान पता चला कि रेलवे की भूमि पर लगभग 200 से ज्यादा लोगों ने मकान बना लिया है। साथ ही तमाम होटल, दुकान भी बने हुए हैं। यही नहीं सैकड़ों किसान इसी भूमि पर खेती भी कर रहे हैं। यहीं नहीं इसी भूमि पर एक राजकीय इंटर कॉलेज, एक पशु चिकित्सालय का भी निर्माण हुआ है,साथ ही कई मंदिर व मस्जिद भी बने हुए हैं।

रेलवे की संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मुहिम चलाने वाले गोसाईगंज रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक महेंद्र नाथ मिश्र ने इसकी जानकारी डीआरएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी। इसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया। पैमाइश होने के बाद अब उन्होंने प्रभारी निरीक्षक आरपीएफ अकबरपुर को पत्र लिखकर अवैध कब्जेदारों के खिलाफ केस दर्ज करने व अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही रेलवे अपनी संपत्ति वापस पाने के लिए बड़ा अभियान चलाएगी।

खतौनी कहीं और की, निर्माण रेलवे की भूमि पर

इस खेल में भू माफियाओं की भूमिका भी नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि अधिकांश लोगों के पास खतीनी अंकारीपुर व अन्य गांव की भूमि की है लेकिन भूमाफिया ने उन्हें यहाँ जमीन दे दी। जिस पर वह मकान बनवाकर सालों से रह रहे हैं। वहीं कुछ के पास तो कोई कागजात तक नहीं हैं, उन्होंने पहले जमीन पर बाउंड्रीवॉल बनवाई, जब किसी ने विरोध नहीं किया तो बाद में दो मंजिला मकान और दुकान आदि बनवा लिया।

ऐसे हुई जानकारी

बीते दिनों एक मंदिर के बगल में स्थित रेलवे की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत पर रेल प्रशासन द्वारा कार्रवाई कर निर्माण ध्वस्त करा दिया गया था तब जानकारी हुई कि रेलवे की सैकड़ों बीघा भूमि पर अवैध निर्माण कर रखा है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर भूमि का लेआउट न होने पर पीडब्ल्यूआई हरीश कुमार को पत्र लिखा गया। ले-आउट क्लीयर होने के बाद हरीश कुमार ने एसडीएम सदर को पत्र लिखकर रेलवे की भूमि की पैमाइश कराने के लिए कहा। एसडीएम के निर्देश पर जब पैमाइश कराई गई तो असलियत सामने आ गई।


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