
राम मंदिर निर्माण के लिए 100 फुट के गढ्ढे में होगी पाइलिंग टेस्टिंग
अयोध्या : राम मंदिर निर्माण के लिए परिसर में पाइलिंग टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद खोदाई का कार्य तेज गति से शुरू कर दिया जाएगा। जिसके लिए निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय के साथ स्थलीय निरीक्षण कर एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों से जानकारी ली है।
राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी पूरी कर ली है और मंदिर निर्माण का जिम्मेदारी एलएंडटी कंपनी को दी है। जिसके लिए एलएंडटी ने खोदाई के लिए मशीनों को परिसर पहुंचा दिए जाने साथ नींव की टेस्टिंग कार्य भी शुरू कर दिया है। ट्रस्ट के मुताबिक अक्टूबर माह से नींव खोदाई का कार्य तेज गति से शुरू कर दिया जाएगा लेकिन इसके पहले नींव की टेस्टिंग के लिए एक गढ्ढा खोदाई कर उसके मजबूती को परखे जाने का कार्य किया जाएगा जिसके लिए एक माह का समय लगेगा। चलते टेस्टिंग का निरीक्षण करने अयोध्या पहुंचे नृपेंद्र मिश्र ने परिसर कर एलएंडटी के अधिकारियों से किये जा रहे गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र व जिला अधिकारी अनुज झां भी मौजूद रहे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने जानकारी देते हुए कहा कि अभी नींव का गढ्ढा खोदने वाली मशीन आई है जिसे रिग मशीन कहते हैं जो एक मीटर व्यास का गोला और 100 फुट गहरा ऐसा परीक्षण के तौर पर नींव का एक खम्भा नीचे डाला जाएगा। जो कि टेस्ट पाइलिंग माना जायेगा। उसके बाद उसकी ताकत मशीनों के माध्यम से नापेंगे। जिसकी आने में एक माह का समय लगेगा। तो सही से कार्य शुरू होने में समय लगेगा। इसलिए मानते है कि जो 1200 खम्भे नीचे गलाए जाने हैं। वह अक्टूबर से ही प्रारम्भ कर सकेंगे।यह तकनीकी कार्य है जिसको लेकर सभी सहमत हैं। कि मंदिर के नींव की आयु पत्थरों के आयु से ज्यादा रखेंगे। इसलिए बारीकी से देखा जा रहा है। गट्टी सीमेंट किस प्रकार हो इस पर अभी अध्ययन चल रहा है। जिसे IIT चेन्नई कर रहा है। वाहन बताया कि नींव में लगने वाले गिट्टी व मोरंग कहा उपयोग किया गया उसकी क्या स्थिति है। इसकी जांच पड़ताल एलएंडटी के लोग कर रहे हैं। बहुत गंभीरता से सभी कार्य किये जा रहे हैं। और सभी एकमत हो गए हैं कि 39 महीने का समय इस कार्य मे लगेंगे। इसके साथ मंदिर कार्यशाला में रखे पत्थरों को कब और किस समय परिसर लाया जाए इसको लेकर भी सभी का एक मत है पत्थरों को एक बार ही शिफ्ट किया जाए यह प्रक्रिया कई बार ना करना पड़े इसके सफाई के बाद परिसर जाए इससे पत्थरों की संख्या भी नापी जा सके। कुछ पत्थरों की कमी पड़ेगी क्यों कि मॉडल चेंज हो गया है इसलिए इसकी व्यवस्था हो सके। इसके लिए आज एलएंडटी कंपनी के लोगो के साथ इन्फॉर्मर बातचीत किया गया है। वहीं राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा अधिकारियों ने अस्थाई मंदिर की सुरक्षा मंदिर निर्माण स्थल की सुरक्षा किस प्रकार रखी जाए इसका चिंतन अधिकारी कर रहे हैं।
Published on:
08 Sept 2020 10:26 pm
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