
भगवान राम को करना था अपने पित्रों का श्राद्ध हनुमान जी गया से अयोध्या ले आये थे 16 पिंड
अयोध्या :इन दिनों अपने पित्रों के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का समय है | पितृपक्ष के मौके पर देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा है | ऐसे में हम आपको बता रहे हैं अयोध्या के उस पवित्र स्थान के बारे में जहां महाराजा राम ने अपने पितरों का पिंडदान किया था | अयोध्या में पितृ पक्ष में भरतकुंड का विशेष महत्व है। भरतकुंड में भगवान श्रीराम के अनुज भरत ने सिर्फ यहां तपस्या ही नहीं की थी बल्कि वनवास के बाद भगवान श्रीराम ने इसी भरतकुंड पर अपने पिता महराज दशरथ का श्राद्ध व तर्पण भी किया था।
अयोध्या के भरतकुण्ड नंदीग्राम गयापिंड का अपना अलग महत्व है। अपने पूर्वजों की आत्मा के शांति के लिए पितृपक्ष में बड़ी संख्या में लोग यहाँ आकर श्राद्ध करते है।ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग में भरत के आग्रह पर श्री राम ने अपनी पिता राजा दशरथ का श्राद यहीं किया था और हनुमान जी श्राद्ध के लिए गया से पूरी 16 विष्णु पद पिंडी उठा लाये थे जिसके बाद यही पर श्रीराम सहित चारों भाईयों के साथ पित्रात्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया।उसके बाद श्रीराम के आदेश पर हनुमान जी 1 पिण्डी यहाँ छोड़कर बाकी 15 पिंडी गया पहुचा आये। तब से लेकर बिना यहाँ आये, गया यात्रा का पुण्य नहीं मिलता और नंदीग्राम में पिण्डदान करने से पूर्वजो की आत्मा को शांति मिलती है। कहा जाता है कि अगर भरतकुंड में आपने पिंडदान नहीं किया तो आप का पिंडदान तर्पण नहीं माना जाएगा। इसी मान्यता को लेकर बिहार के गया जाने से पहले लोग अपने पूर्वजों को तर्पण के लिए भरतकुंड पहुंचते हैं।
Published on:
23 Sept 2019 10:47 am
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