गुरु पूर्णिमा पर्व की पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह में श्रीराम किंकर के साहित्य शिवतत्व, प्रेम मूर्ति भरत, अंतर्दर्पण एवं श्रीराम गीता का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान आश्रम की अध्यक्षा सुश्री मंदाकिनी ने कहा कि, समारोह में सुरेश प्रसाद, नारायण सिंह व जीसीआर जायसवाल जैसी विभूतियों को यह सम्मान देकर रामायणम् स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने सम्मानित विभूतियों की सेवा एवं उनके सरोकार का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि, सच्चा भक्त वह है, जिसकी वेदना संवेदना में परिणत हो जाय और यही रामराज्य की आधार शिला है। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में दिवंगत गुरु श्री राम किंकर जी के भक्त अनुयायी मौजूद रहे।