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बड़ी खबर : वस्तु शास्त्र से 108 एकड़ में होगा राम जन्मभूमि परिसर, मंदिर के तर्ज पर बनेगा रामकोट

श्री राम जन्मभूमि परिसर के साथ रामकोट क्षेत्र को विकसित करने की तैयारी में जुटा ट्रस्ट व प्रशासन ने किया स्थलीय निरीक्षण

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वस्तु शास्त्र से 108 एकड़ में होगा राम जन्मभूमि परिसर, मंदिर के तर्ज पर बनेगा रामकोट

वस्तु शास्त्र से 108 एकड़ में होगा राम जन्मभूमि परिसर, मंदिर के तर्ज पर बनेगा रामकोट

पत्रिका एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
सत्य प्रकाश
अयोध्या : मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में राम मंदिर निर्माण के साथ श्री राम जन्मभूमि परिसर के विस्तार के साथ परिसर से जुड़ें बाहरी क्षेत्र के विकास का भी खाका तैयार किया जा रहा है। आयोजित बैठक में शामिल हुए ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी के जानकारी दी है कि वास्तु शास्त्र के तहत राम जन्मभूमि परिसर नहीं है इसलिए परिसर को 67 एकड़ से 108 एकड़ से चौरस किए जाने की योजना के साथ परिसर से सटे क्षेत्रों को मंदिर के तर्ज पर तैयार करने का कार्य भी जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।

राम जन्मभूमि परिसर को वास्तु शास्त्र के तहत विकसित करने की योजना पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व निर्माण समिति तैयार कर रही है। तो वही परिसर के आसपास सटे क्षेत्रों को भी मंदिर की शोभा को देखते हुए विकसित किए जाने की योजना जिला प्रशासन तैयार कर रही है। जिसको लेकर रामजन्मभूमि परिसर के साथ परिसर से सटे क्षेत्रों के विकास को लेकर बुधवार को मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज झां, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, नगर आयुक्त नीरज शुक्ला व क्षेत्र पार्षद रमेश दास ने रामकोट क्षेत्र सहित रामजन्मभूमि परिषद से सटे क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। जिसकी जानकारी स्थानीय पार्षद रमेश दास ने दी उनके मुकाबिक जिले के आला अधिकारी रामकोट क्षेत्र के विकास को लेकर निरीक्षण किया है मंदिर निर्माण के साथ राम कोट के विकास को लेकर पूरी तैयारी है जिसके तहत कई स्थलों व मार्गों को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन योजना तैयार कर रहे हैं।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने पत्रिका टीम से खास बातचीत करते हुए जानकारी दी कि मंदिर निर्माण के लिए सभी कंपनियों के एक्सपर्ट बड़े ही लगन से कार्य कर रहे हैं और राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के साथ अन्य क्षेत्रों कभी विकास किया जाएगा जिसके लिए परकोटे के अंदर का भाग यह एक फेज का काम हो गया और उसके बाहर 67 एकड़ भूमि का विकास यह दूसरे फेज का काम है। और तीसरा फेज जिस प्रकार से मंदिर का निर्माण होगा उसी तर्ज पर आसपास के क्षेत्र का भी विकास होना चाहिए और यह कार्य प्रशासन का कार्य है। बाहर के रास्ते परिसर के अनुरूप होना चाहिये और बाहर के आसपास स्थित भवनों का भी आकार मंदिर के प्रभाव को कम न करे। इस प्रकार से बनाने चाहिए। इस लिए बैठक में मंदिर व अयोध्या के विकास की योजना एक दूसरे को मैच करे जिसके लिए बहुत सी जानकारी दी गई और ली गई। वहीं बताया कि पहली बैठक से ही तय हो गया है कि हम लोग 67 एकड़ पर रुकना नही चाहते हैं। बल्कि उसको 108 एकड़ का बनाना चाहते हैं। इस प्रकार से अन्य भूमि का क्रय करना या दान लेना या लोगो को समझा करके परिसर में सम्मिलित करना यह सभी प्रक्रियाँ चालू हैं। वहीं बताया कि इस भूमि को 108 एकड़ बनाये जाने का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी भूमि वस्तु दृष्टि से चौरस होना चाहिए लेकिन अभी राम जन्मभूमि परिसर उस प्रकार का नही है। इसलिए उसे चौरस बनाने के लिए जिस दिशा में जितने भूमि की आवश्यकता होगी लिया जाएगा। वही बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहते हैं कि अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करेंगे कि हम कहते आए हैं कि कल्चरल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड के रूप मेंं विश्व सांस्कृतिक राजधानी अयोध्या हो।


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