
श्रीराम मंदिर की भव्यता जहां लोगों को अपनी ओर खींच लाएगी वहीं, अयोध्या में लगने वाली दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा और नव्य अयोध्या पर्यटकों को आकर्षित करेगी
अयोध्या. राम मंदिर निर्माण के साथ ही रामनगरी में 'विकास कांड' शुरू हो चुका है। श्रीराम मंदिर की भव्यता जहां लोगों को अपनी ओर खींच लाएगी वहीं, अयोध्या में लगने वाली दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा और नव्य अयोध्या पर्यटकों को आकर्षित करेगी। इससे न केवल अयोध्या बल्कि आसपास के जिलों का भी विकास होगा। अयोध्या में धार्मिक पर्यटन से लोगों की चौतरफा आय होगी। यहां की हाईटेक टाउनशिप और रिवर रिजार्ट बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देंगे। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और अत्याधुनिक बस अड्डे भी लोगों की आय बढ़ाएंगे। फूड इंडस्ट्री, हॉस्पिटली इंडस्ट्री और विशेष रूप से एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित गुड़ को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा। यह सब अयोध्या और आसपास के लोगों के जीवन कायापलट कर देंगे। भूमि पूजन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत दिये। उन्होंने कहा कि मंदिर बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे। हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेगे। सोचिए पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे।
कैसा होगा राम मंदिर
राम मंदिर का क्षेत्रफल 84600 वर्गफीट होगा। यह 360 फीट लंबा और 235 फीट चौड़ा होगा। गर्भग्रह और रंगमंडप के बीच गूढ़ मंडप होगा। दायें-बाएं अलग-अलग कीर्तन व प्रार्थना मंडप होगा। मंदिर में कुल छह शिखर होंगे। एक मुख्य और पांच उपशिखर होंगे। मंदिर तीन तल का होगा। प्रत्येक तल पर 8 फीट व्यास वाले 106 स्तम्भ होंगे जो 14 से 16 फीट तक ऊंचे और आठ फीट व्यास वाले होंगे। प्रत्येक स्तम्भ यक्ष-यक्षणियों की 16 मूर्तियां होंगी। मंदिर में रामलला साढ़े नौ किलो चांदी से निर्मित सिंहासन पर विराजमान होंगे। भाइयों के लिए भी रजत सिंहासन बनेगा। मंदिर में तीन लाख टन बलुआ पत्थर लगेगा।
राम की प्रतिमा
अयोध्या में लगने वाली कोदंड राम की 251 फीट उंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगा जो माझा बरहटा में लगेगी। इसके लिए 83 हेक्टेयर भूमि का चयन किया जा चुका है। अभी तक चीन में गौतमबुद्ध की मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची है जिसकी ऊंचाई 208 मीटर है। मूर्ति में अनेक विशेषताएं होंगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम होगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी बनाई जाएंगी।
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नव्य अयोध्या
अयोध्या से 10 किलोमीटर दूर शाहनेवाजपुर गांव के निकट 400 हेक्टेयर में नव्य अयोध्या बसाई जा रही है। यहां 500 एकड़ में हाईटेक टाउनशिप बसेगी, जिसमें फाइव स्टार होटल्स, रिवर साइड रिजॉर्ट, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स, आवासीय और व्यवासायिक प्लाट्स होंगे। सरयू में क्रूज भी चलेंगे। इसके अलावा बेहतरीन सड़कें, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक वायर लोगों को बसने को प्रेरित करेंगी। इसके अलावा सरयू किनारे स्टूडियो अपार्टमेंट बनेंगे जहां लोग जीवन के आखिरी समय में रहना पसंद करेंगे। कुछ खास धनराशि देकर लोग फ्लैट्स को अपने नाम पर लिया जा सकेगा। हालांकि, संबंधित के निधन के बाद यह ट्रस्ट की संपत्ति होगी। राम वन गमन मार्ग से इसका लिंक होना पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा। यह पूरा प्रोजेक्ट पूरा करने में करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
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अयोध्या से गुजरेगी सिक्स लेन रोड और अंतराराष्ट्रीय एयरपोर्ट
रामनगरी अयोध्या लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे बड़े शहरों से जुड़ी है। यहां अभी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नई अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की तैयारी है। फैजाबाद तक हवाई सफर के याथ यहां पहुंचा जा सकता है। लखनऊ एयरपोर्ट भी यहां से 150 किमी दूर है। इसके अलावा लखनऊ से गोरखपुर तक छह लेन रोड बन रही है, जो अयोध्या होकर गुजरेगी। हाईवे तक जाने के लिए शहर में एक ओवरब्रिज बनेगा। इसके अलावा सहादतगंज से अयोध्या तक फोरलेन होगा। अभी तक अयोध्या में एक भी फोरलेन नहीं है।
Updated on:
05 Aug 2020 03:50 pm
Published on:
05 Aug 2020 03:44 pm
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