
भूकम्प के बाद राम मंदिर के नींव की रिसर्च में जुटे इंजीनियर्स
अयोध्या. राम नगरी अयोध्या में चल रहे मंदिर निर्माण के बीच अचानक देरी रात्रि आये भूकंप के झटके के बाद राम जन्मभूमि परिसर में इंजीनियर्स जांच शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही मंदिर की सुरक्षा के लिए बने देश के टॉप इंजीनियरों के विशेषज्ञ समिति जांच जो भी अयोध्या पहुंच सकती है।
मंदिर निर्माण के बीच देर रात्रि में आए भूकंप के झटके
दरसल अयोध्या में देर रात्रि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीसमोलाॅजी के अनुसार रात 11 बजकर 59 मिनट और 22 सेकेंड पर यह भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई है। सेंटर के अनुसार इसका केंद्र जमीन से 15 किलोमीटर नीचे था। इसकी जानकारी मिलने के बाद अयोध्या के प्राचीन मंदिरों में रहने वाले लोग अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए घरों से बाहर निकले। तो वही जानकारी राम जन्मभूमि परिसर में कार्य कर रहे एलएंडटी व टाटा के अधिकारी को मिलने के बाद सुबह नींव की सुरक्षा की जांच कर रहे हैं। ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा की माने तो वैसे तो यह पूरा कार्य भूकंप जैसे ताकतों से निपटने के रिसर्च के बाद ही निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन इंजीनियर की जानकारी मिलने के बाद जांच कर रहे हैं कोई स्थिति स्पष्ट होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।
भू तकनीकी के लिए गठित हुई थी इंजीनियरों के 8 सदस्य समिति
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व निर्माण समिति के द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इसमें देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरों को शामिल करते हुए विभिन्न भू तकनीकी सुझावों को ध्यान में रखते हुए उच्चतम गुणवत्ता और दीर्घायु के साथ मंदिर का निर्माण कराये जाने में सहयोग करना था जिसमे प्रो. वी.एस.राजू: पूर्व निदेशक आईआईटी दिल्ली अध्यक्ष, प्रो.एन.गोपलाकृष्णन निदेशक सीबीआरआई रुड़की कन्वेयर, प्रो.एस.आर.गांधी निदेशक एनआईटी सूरत सदस्य, प्रो. टी. जी. सीताराम निदेशक आईआईटी गुवाहाटी सदस्य, प्रो. बी. भट्टाचार्जी एमेरिटस प्रोफेसर आईआईटी दिल्ली सदस्य, ए.पी. मुल सलाहकार टीसीई सदस्य, प्रो. मनु संथानम आईआईटी मद्रास सदस्य, प्रो. प्रदीपता बनर्जी आईआईटी मुंबई सदस्य शामिल हैं।
Updated on:
07 Jan 2022 11:26 am
Published on:
07 Jan 2022 11:20 am
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