
अयोध्या. भगवान राम की नगरी अयोध्या ऐसी घटनाओं से गुजर चुकी है जिसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती है। अयोध्या में सन 1528 माना जाता है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ। तथा उसके बाद 1853 में हिन्दू व मुसलमानों में पहली हिंसा हुई थी। जिसमें हिन्दुओं का आरोप था कि भगवान राम का मंदिर तोड़ कर मस्जिद का निर्माण हुआ है।
सन 1859 में ब्रिटिश सरकार ने विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुसलमानों और हिंदुओं को अलग अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दी। फिर सन 1885 में यह मामला पहली बार अदालत पहुंचा महंत रघुवर दास ने फैजाबाद अदालत ने मंदिर के निर्माण के लिए अपील दायर की तथा 5 दिसंबर 1950 को महंत परमहंस रामचंद्र दास ने बाबरी मस्जिद में राम मूर्ति रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद को ढांचा नाम दिया गया फिर 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दी और दोबारा ताला खोले गए तथा 1 जुलाई 1989 को इस मामले में भगवान रामलला विराजमान के नाम से एक मुकदमा किया गया यह पांचवा मुकदमा था।
25 दिसंबर 1990 में बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात से सोमनाथ उत्तर प्रदेश तक अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली 6 दिसंबर 1992 को हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचा दिया इसके बाद देश के तमाम हिस्सों में तनाव फैल गया तथा 16 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराने की जिम्मेदारियों की जांच के लिए दान आयोग का गठन किया गया तथा जनवरी 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने अपने कार्यालय में अयोध्या को शुरू किया। सन 2002 में अयोध्या में शिला दान का कार्य क्रम रखा जो की यह शिला दान राम जन्मभूमि तक न पहुंचकर दिगंबर आखाड़े में ही किया गया।
अप्रैल 2002 में अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की तथा सितंबर 2003 में एक अदालत ने फैसला दिया कि मस्जिद के विध्वंस को उकसाने वाले 7 हिंदुओं नेताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाए जुलाई 2009 में लिब्रहान आयोग ने एक गठन के करीब 17 साल बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी 28 सितंबर 2010 में सर्वोच्च न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज की 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा एक हिस्सा राम मंदिर दूसरा तीसरा निर्मोही अखाड़ा को मिला।
9 मई 2011 को इस मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के आदेश दिए उसके बाद जुलाई 2016 को बाबरी मामले से सबसे उम्रदराज वादी हाशिम अंसारी का पंचानवे साल की उम्र में निधन हो गया वह थे 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति के विवाद सुलझाने की बातचीत के बाद दोनों तरफ से शुरू हुई अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में कई नेताओं के खिलाफ अपराध चलाने का आदेश दिया 11, 2017 को सुप्रीम कोर्ट से जुड़े सभी को अंग्रेजी में अनुवाद करने के आदेश दिए।
Updated on:
06 Dec 2017 01:35 pm
Published on:
06 Dec 2017 12:49 pm
बड़ी खबरें
View Allअयोध्या
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
