scriptAyodhya : हर चेहरे पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरण | Ramlala Bhumi Poojan preparation in ayodhya | Patrika News
अयोध्या

Ayodhya : हर चेहरे पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरण

हर चेहरे पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरण-बदल रही अयोध्या की तस्वीर-आमजन से लेकर साधु संत तक खुश

अयोध्याAug 01, 2020 / 07:47 pm

Hariom Dwivedi

Ayodhya : हर चेहरे पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरण

हिंदू हों या मुस्लिम सबको 5 अगस्त को लेकर प्रसन्नता है

पत्रिका लाइव
अयोध्या. वह 1 दिसंबर 1992 की शाम थी। बाहर से आए यात्रियों की वजह से फैजाबाद के रेलवे स्टेशन पर चहल-पहल कुछ ज्यादा ही थी। हर कोई राममंदिर-बाबरी मस्जिद की बात कर रहा था। लोगों में उन्माद और गुस्सा था। हर कोई आशंकित और असुरक्षित महसूस कर रहा था। पांच दिन बाद 6 दिसंबर को जो कुछ हुआ उसे इतिहास बाबरी-मंदिर विध्वंस के रूप में जानता है। इतिहास ने करवट ली। आज 1 अगस्त 2020 है। फिर से राममंदिर की ही चर्चा है। कोरोना काल में भले ही स्टेशन और अयोध्या की गलियां सूनी हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां वैसे ही मुस्तैद हैं जैसे …साल पहले थीं। हां, लोगों में आशंका, घबराहट और असुरक्षा के भाव नहीं बल्कि उनके चेहरों पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरणें चमक रही हैं। हिंदू हों या मुस्लिम सबको 5 अगस्त को लेकर प्रसन्नता है। उन्हें लगता है आने वाले समय में अयोध्या ऐसा शहर होगा जहां हर कोई आना चाहेगा। बसना चाहेगा। यह कहना है अयोध्या के रायगंज क्षेत्र में रहने वाले महेंद्र त्रिपाठी का।
यह भी पढ़ें

रामलला को नहीं चाहिए सोना-चांदी, कैश कीजिए दान



त्रिपाठी 6 दिसंबर को भी रामजन्मभूमि परिसर में मौजूद थे। और आज भी वह रामजन्मभूमि परिसर के बाहर ही मिले। उन्होंने तब भी कारसेवकों के हुजूम की फोटो खींची थी और अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आगमन की तैयारियों की फोटोग्राफी कर रहे हैं। त्रिपाठी ने बताया 1992 में अयोध्या में हर तरफ जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे। कहीं से गोलियों की आवाजें आ रही थीं। कुछ लोग दौड़ते-भागते नजर आ रहे थे। कुछ खून से लथपथ। बाबरी ढांचा ध्वंस हुआ उसके बाद से रामनगरी का मिजाज बदल गया। धीरे-धीरे अयोध्या की गलियां सूनी होने लगीं। लंबे अर्से बाद एक बार फिर से जनता में उल्लास और उत्साह है। पीले रंग में रंगी दीवारें, गेरुए रंग के दरवाजे, हर घर की मुंडेर पर लहराता केशरिया इशारा कर रहा है कि अयोध्या में कुछ नया होने को है। अयोध्या की गलियों की साफ-सफाई हो रही है। रंगोली और दीवारों की पेटिंग्स राम के जीवन और उनके शासनकाल की याद दिला रही हैं। अभी 5 अगस्त आने में कुछ दिन बाकी हैं लेकिन अयोध्या के मंदिरों और लोगों के घरों में जलते दिए इस बात की गवाही हैं कि श्रीराममंदिर निमार्ण के शिलान्यास के दिन पूरी दुनिया अयोध्या की जगमगाहट से चकाचौंध हो जाएगी।
यह भी पढ़ें

रामायण इंसाइक्लोपीडिया का पहला खंड अयोध्या पर, पीएम करेंगे लोकार्पण



राम की पैडी पर बैठे संत राम कृपालु बताते हैं जब से राममंदिर निर्माण की तिथि घोषित हुई है तब से कल-कल कर बहती सरयू को निहारना अलग सुकून दे रहा है। कृपालु कहते हैं इन दिनों घाटों की सुंदरता निखर गयी है। साफ-सफाई के बाद यहां जर्जर मंदिर अब अपनी ऐतिहासिकता और महात्म्य की वजह से भक्तों को आकर्षित कर रहे हैं। उम्मीद जगी है राममंदिर ही नहीं अयोध्या के अन्य मंदिरों के दिन भी बहुरेंगें। सरयू घाट पर ही फूल बेच रहे मोहम्मद उस्मान कहते हैं राममंदिर बनने से रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पर्यटकों के आने से सभी का धंधा चमकेगा।

Home / Ayodhya / Ayodhya : हर चेहरे पर उल्लास, उम्मीद और आशा की किरण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो