7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जानिए 21 किलों चांदी से बने 5 फुट के झूले की अनोखा बनावट, जिस पर झूला झूलेंगे रामलला

राम जन्मभूमि परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को झूले में दर्शन देंगे रामलला

2 min read
Google source verification
सावन शुक्ल पंचमी से झूले पर विराजमान होंगे रामलला

सावन शुक्ल पंचमी से झूले पर विराजमान होंगे रामलला

सावन माह के साथ अयोध्या के मंदिरों में भगवान के झूलनोत्सव प्रारम्भ हो गया है। और पूरा माह रंग विरंगे कार्यक्रमों से अयोध्या गुलजार होगी। साथ ही राम जन्म भूमि पर श्री रामलला के विशेष उत्सव की तैयारी की जा रही है। राम मंदिर ट्रस्ट की माने तो भव्य उत्सव के आयोजन के बीच चांदी के झूले पर झूला झूलते रामलला को श्रद्धालु देख सकेंगे। और सावन पंचमी से रामलला को झूले पर विराजमान कराया जाएगा।

विशेष चांदी के झूले में झूलेंगे रामलला

राम जन्मभूमि परिसर में पहली बार भव्य झूलनोत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिसे श्रद्धालु रामलला को झूला झूलते देख सकेंगे। भगवान रामलला अपने तीनों भाइयों के साथ चांदी के झूले पर विराजमान होंगे। 21 किलों चांदी से बने यह 45 फुट के इस झूले में खास प्रकार का चिन्ह बना हुआ है। सूर्यवंशी चिन्ह, शंख, गदा, और मनोहक फूलों की डिजाइन इस झूले को और आकर्षक बना रज है।

सुरक्षा के कारण सीमित ही रहेगा आयोजन

अनिल मिश्रा ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था और रामलला के अस्थाई मंदिर को लेकर हमारी एक सीमा है उस सीमा के बाहर जाकर हम कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते जब तक मंदिर का निर्माण नहीं किया जा सकता तब तक हम भक्तों का आवाहन नहीं कर सकते आने वाले सीमित लोग ही रामलला को झूलन में देखने का सुख प्राप्त कर सकते हैं राम मंदिर में जब जगह बड़ी हो जाएगी लोगों को आने की सुविधा हो जाएगी तब सभी लोग इसका आनंद ले सकेंगे। वहीं कहा कि इस बार पिछली बार की अपेक्षा और भी बेहतर और भव्य झूलनोत्सव का आयोजन परिसर में किया जाएगा।

सावन शुक्ल पंचमी से झूले पर विराजमान होंगे रामलला

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सावन के शुक्ल पक्ष तृतीया से झूलनोत्सव प्रारंभ होता है प्रथम झूलन मणि पर्वत से शुरू होता है अयोध्या के जो प्रसिद्ध मठ मंदिर हैं वहां के चल विग्रह मणि पर्वत पर जाकर प्रारंभ करते हैं उसके बाद अनेक मठ मंदिरों में झूलनोत्सव मनाया जाता है मुख्य पुजारी ने बताया कि रामलला का झूलनोत्सव नागपंचमी के दिन से शुरू होकर रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा इस बार राम लला परिसर में झूलनोत्सव तो बहुत दिव्य और भव्य होगा रामलला परिसर में रामलला समेत तीनों भाई झूलनोत्सव में विराजमान होंगे त्रेता युग की झलक रामलला के परिसर में दिखाई देगी जिस प्रकार से भगवान राम माता सीता के साथ झूला झूलते थे उसी प्रकार दर्शनार्थी लोग झूलनोत्सव देखकर बहुत प्रसन्न होंगे भगवान का जो धार्मिक झूलनोत्सव है जो उसका दर्शन करते हैं मनन करते हैं और अपनी कामना करते हैं वह भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।