
नींव की खुदाई के दौरान 200 फीट नीचे मिली भुरभुरी बालू की वजह से नींव के कार्य बाधित हो गया है।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. 200 फीट नीचे भुरभुरी बालू मिलने की वजह से राम मंदिर निर्माण की नींव का कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। तब तक मंदिर की सुरक्षा के लिए रिटेनिंग वॉल और उस पर परकोटे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने बताया कि इसी महीने रिटेनिंग वॉल और परकोटा का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होंने बताया पुख्ता नींव तैयार करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मंथन कर रही है। 15 दिसम्बर को तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद फिर से नींव का काम शुरू हो जाएगा। अयोध्या का राम मंदिर एक हजार वर्ष तक अक्षुण्ण बना रहे। यह बिना मजबूत नींव के संभव नहीं है। इसलिए ट्रस्ट चाहता है कि राममंदिर की नींव ऐसी हो जो भूकंप आदि आपदाओं से सैकड़ों वर्ष तक सुरक्षित रहे। लेकिन नींव की खुदाई के दौरान 200 फीट नीचे मिली भुरभुरी बालू की वजह से नींव के कार्य बाधित हो गया है।
राम मंदिर की मजबूत नींव को लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारी, एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंसी, आईआईटी चेन्नई, सीबीआरआई रुड़की सहित ट्रस्ट के तकनीकी विशेषज्ञों से लगातार बैठक कर मंथन में जुटे हैं। मंगलवार को भी इसे लेकर सर्किट हाउस में बैठक हुई। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, डॉ. अनिल मिश्रा सहित एलएनटी, टाटा कंसल्टेंसी व ट्रस्ट के इंजीनियर शामिल रहे। इससे पहले सोमवार को मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के समक्ष देशभर के विशेषज्ञों ने राम मंदिर की मजबूत नींव को लेकर अपनी ड्राइंग पेश की थी।
शेष 65 एकड़ भूमि का फाइनल जल्द
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के अतिरिक्त शेष 65 एकड़ की भव्यता के लिए देशभर से 500 से अधिक सुझाव आए हैं। प्रस्तावों को कंपाइल करके ट्रस्ट के सदस्य गोविंद देव गिरी अध्यक्षता में एक समिति बनी है जो इस पर विचार-विमर्श करेगी। कमेटी में कई आर्किटेक्ट व विशेषज्ञ भी शामिल हैं जो देशभर से आए सुझावों का अध्ययन कर रहे हैं। जल्द ही शेष 65 एकड़ की भव्यता के लिए फाइनल स्वरूप सबके सामने आएगा।
Published on:
08 Dec 2020 05:07 pm
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