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राम मंदिर ट्रस्ट के गठन में शामिल होंगे यह लोग, सोमनाथ की तर्ज पर हो सकता है निर्माण

2.77 एकड़ की जमीन राम मंदिर के निर्माण के हिंदूओं को मिली, तो वहीं मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ की जमीन दी

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राम मंदिर ट्रस्ट के गठन में शामिल होंगे यह लोग, सोमनाथ की तर्ज पर हो सकता है निर्माण

राम मंदिर ट्रस्ट के गठन में शामिल होंगे यह लोग, सोमनाथ की तर्ज पर हो सकता है निर्माण

अयोध्या. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाकर विवादित स्थल (Ayodhya Verdict) का मसला सुलझाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी पक्षों ने स्वागत किया। 2.77 एकड़ की जमीन राम मंदिर के निर्माण के हिंदूओं को मिली, तो वहीं मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ की जमीन दी गई। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करने का भी आदेश दिया। लेकिन ट्रस्ट किस तर्ज पर बनाया जाएगा, इस पर विचार मंथन बाकी है। माना जा रहा है कि ट्रस्ट का निर्माण गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर हो सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी के अनुसार, रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के लोग होंगे। अयोध्या के कारसेवकपुरम में मंदिर निर्माण के लिए तराशे जाने वाले पत्थर ट्रस्ट को उनके काम के लिए सौपें जाएंगे। अयोध्या के कारसेवकपुरम में मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशे जा रहे। जो पत्थर तराशे जा रहे हैं, उसे विश्व हिंदू परिषद के लोग मिलकर करा रहे हैं। इन पत्थरों का इस्तेमाल मंदिर निर्माण के लिए होगा।

कैसा होगा मंदिर का नक्शा

नक्शे के अनुसार मंदिर दो मंजिला होगा। मंदिर की लंबाई 268 फीट पांच इंच, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होगी। मंदिर में जाने के लिए पांच दरवाजे होंगे, जो कि सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भ गृह और परिक्रमा मार्ग होगा। दो मंजिल के मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा नीचे की मंजिल में होगी। ऊपर की मंजिर में राम दरबार होगा। मंदिर में आवगमन के लिए 24 द्वार होंगे।

ग्रेनाइट पत्थर लगेंगे

मंदिर में 212 स्तंभ लगाए जाएंगे। हर मंजिल पर 106 स्तंभ होंगे। प्रथम मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 16 फीट छह इंच व दूसरी मंजिल पर लगने वाली स्तंभों की ऊंचाई 14 फीट छह इंच होगी। हर स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां बनाई जाएंगी। सरयू नदी से सटकर बनने वाले इस मंदिर की बुनियाद तैयार करने में तकरीबन सात से आठ महीने का वक्त लग सकता है। इसके बाद पत्थरों को लगाने का काम शुरू हो जाएगा। पूरा मंदिर बनने में तीन साल का वक्त लग सकता है। मंदिर निर्माण के लिए 175 हजार घन फीट लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल होगा। मंदिर की प्लिंथ में ग्रेनाइट पत्थर लगेंगे। मंदिर के निर्माण पर 40 से 50 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है।

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