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संघ प्रमुख मोहन भागवत से नाराज हुए साधु संत : परमहंस दास में कहा बढ़ते उम्र से फिसल गया जुबान

संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा दिए गए बयान पर हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास जी कहा राम मंदिर के बाद काशी मथुरा से नहीं मोड़ सकते हैं मुह, हिन्दू समाज खुद लड़ेगा लड़ाई

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संघ प्रमुख मोहन भागवत से नाराज हुए साधु संत : परमहंस दास में कहा बढ़ते उम्र से फिसल गया जुबान

संघ प्रमुख मोहन भागवत से नाराज हुए साधु संत : परमहंस दास में कहा बढ़ते उम्र से फिसल गया जुबान

अयोध्या. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा ज्ञानवापी व अन्य मस्जिदों पर किए जा रहे दावे को लेकर नकार दिया है उनका कहना है कि राम मंदिर के बाद अब अन्य किसी भी मंदिर से उनका कोई मतलब नहीं है और हिंदू समाज अब मस्जिदों में शिवलिंग को न तलाशे। उनके इस बयान के बाद साधु संतों में नाराजगी व्यक्त है।

राम मंदिर के साथ मथुरा और काशी को भी नहीं भूल सकता हिंदू समाज

हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह व्यक्तिगत बयान हो सकता है क्योंकि यह कह देना कि राम जन्मभूमि के बाद हमें अब किसी अन्य मंदिर से मतलब नहीं है जबकि एक तरफ तो आपने हिंदुओं को जगा दिया और उसके बाद अब हिंदुओं को ही हर मस्जिद में शिवलिंग को ना ढूंढने की बात कह रहे हैं जबकि हर मस्जिद में शंकर जी को नहीं ढूंढा जा रहा है आस्था का केंद्र हिंदू जनमानस के लिए अयोध्या हल हो गया है मथुरा को आप नकार नहीं सकते और काशी में प्रत्यक्ष प्रमाण है इसके बाद भी लगभग 50 फ़ीसदी मस्जिद ऐसे हैं जहां पर सनातन धर्म संस्कृति हिंदू देवी देवताओं के प्रतीक चिन्ह जिसको लेकर यह लड़ाई है और इससे आप मुह मोड़ नहीं सकते है। इस तरह की है बातें करना अच्छी बात नहीं है और इस बयान से बहुत दुख है लेकिन यह बताना जरूरी है कि हिंदू अब सफल हो चुका है और जागरूक भी हो चुका है अब हिंदू किसी के कहने के बस में नहीं है हिंदू अब अपनी लड़ाई खुद भी लड़ सकता है।

आक्रान्ताओं के द्वारा तोड़े गए मंदिरों को वापस लेगा हिंदू समाज

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने भी कहा कि संघ संघार नहीं सृजन चाहता है। खुशियों से भरा हुआ पूरा वतन चाहता है लेकिन यदि समझाने से बात बनती तो हनुमान जी जैसे ज्ञानी रावण को समझाने में असफल हो गए। और जब मानवता की राह से भटक गया तो भगवान श्री राम को उसका वध करना पड़ा। उसी तरह मुगल आक्रान्ताओं के द्वारा जो ऐतिहासिक स्थलों को तोड़ा गया है उसे पुनर प्रतिष्ठित करना ही होगा और उसमें जो भी रोड़ा आएगा उसे सामने से हटाना पड़ेगा। अब देश मे वह स्थिति उत्पन्न नहीं होने देंगे। क्योंकि तुष्टीकरण में देश बटा भाईचारे में हिंदू कटा और आज भी हिंदुओं के ऊपर संकटों की छाई है घटा सरकार के प्रयास के बाद भी आज कश्मीर में हिंदू स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए सनातन संस्कृति की रक्षा ही मानवता की रक्षा है और मुगल आक्रांताओं के द्वारा जितने भी ऐतिहासिक स्थलों को तोड़ा गया था उन सभी मंदिरों को वापस लेंगे तो वही संघ प्रमुख को लेकर कहा कि उनके नीति में कोई शंका नहीं है लेकिन उम्र अधिक होने के कारण जवान फिसल जाती है।


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