
अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी पर गुप्त पूजा का बड़ा रहस्य
धर्म नगरी अयोध्या का सिद्ध और प्राचीन मंदिर हनुमानगढ़ी पर विराजमान भगवान अयोध्या नरेश हनुमान जी महाराज है। और इस स्थान पर आज ही अयोध्या के राजा के रूप में एक गुप्त पूजा होती है जिसमें सिर्फ आठ पुजारी श्रृंगार और पूजन के दौरान मौजूद होते हैं इस दौरान किसी भी भक्तों एवं श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं है। कहा जाता है कि बजरंगबली आज भी अपनी राज्य अयोध्या की रक्षा के लिए इस स्थान पर निवास करते हैं शास्त्रों और ग्रंथों में बताया गया है कि हनुमान जी महाराज अमर हैं इसलिए आज भी उनकी जीवित होने का प्रमाण है।
अयोध्या के राजा के रूप में विराजमान हैं हनुमान
अयोध्या में हनुमानगढ़ी से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। हनुमानगढ़ी की जो रामलला के प्रवेश द्वार पर न सिर्फ स्थित है बल्कि पूरी अयोध्या की रक्षा के लिए संकल्पित भी है.शायद यही वजह है कि बीते दिनों कई आतंकी हमले अयोध्या पर हुए जो नकाम रहे.यहां हनुमान जी राजा के रूप में विराजमान हैं.धार्मिक मान्यता है कि भगवान राम जब गुप्तार घाट के जरिए गोलक गए तो उस समय रामलला ने अयोध्या की जिम्मेदारी हनुमान जी को सौपी थी.अयोध्या की सुरक्षा हनुमान जी के हाथों में है.
हनुमानगढ़ी पर बजरंगबली की होती है गुप्त पूजा
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास बताते हैं कि सुबह 3:00 बजे से ही हनुमान जी की पूजा शुरु होती है। आठ पुजारी हनुमान जी की गुप्त पूजा अर्चना सुबह 3:00 बजे शुरू कर देते हैं. यहां की जो गुप्त पूजा की पद्धति है ऐसी पूजा पूरे देश के किसी कोने में नहीं होती है.हनुमानगढ़ी में यह व्यवस्था लगभग 200ई० से चली आ रही है.मंदिर परिसर के 8 पुजारी मिलकर एक से डेढ़ घंटे महाबली के दरबार में पूजा करते हैं.ऐसी मान्यता है कि उस दौरान पुजारियों को साक्षात बजरंगबली दर्शन देते हैं.उस समय जो भी पूजा होती है उसको बाहर नहीं बता सकते क्योंकि उसकी एक मर्यादा है. और फिर हनुमानगढ़ी का पट सुबह 4:00 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खुलता है जो रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता है.हनुमान जी को कलयुग का देवता माना गया है और सब तरीके की मनोकामना पूर्ति के लिए लोग हनुमान जी का दर्शन पूजन करते हैं.
Published on:
20 Nov 2022 08:18 am
बड़ी खबरें
View Allअयोध्या
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
