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18 साल पहले जब फिदायीन आतंकियों ने रामलला पर साधा था निशाना, जाने पूरी घटना

राम जन्मभूमि पर 5 जुलाई 2005 में हुई थी आतंकी हमले की नाकाम कोशिश, सुरक्षाबलों ने मार गिराए थे 5 आतंकी

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अयोध्या अब भूल रही पुराने जख्म

अयोध्या अब भूल रही पुराने जख्म

राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण की खुशियों में अब अयोध्या अपने पुराने जख्मों भुलाने का प्रयास कर रही। अब हर किसी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पल को देखना चाहती है। आज से 18 वर्ष पूर्व 5 जुलाई 2005 को फिदायीन आतंकियों ने हमला कर परिसर को क्षति पहुंचाने की नाकाम कोशिश हुई थी। जिसमे सभी आतंकी मारे गए थे। यही कारण है कि आज भी राम जन्मभूमि की सुरक्षा अति संवेदनशील मानी जाती है। जिसको लेकर यहां की सुरक्षा चाक चौबंद है। राम जन्मभूमि परिसर क्षेत्र में आने जाने वाहनों पर नजर रखी जा रही है।

5 जुलाई 2005 में बैरिकेडिंग तोड़ परिसर में घुसे थे आतंकी

अयोध्या के लिए वह मनहूस तारीख 5 जुलाई 2005 था। जब उस समय विवादित रहे परिसर में विराजमान रामलला के टेंट के अस्थाई मंदिर पर आतंकियों ने हमला किया था। परिसर के पास पहुंचते ही आतंकियों के मार्शल जीप में धमका हुआ और परिसर की बैरीकेडिंग पूरी तरह से टूट गई थी। और फिर 5 आतंकी अंदर दाखिल हुए परिसर में गोलियों चलने की गूंज सुनाई देने लगी। जिसमें दो आतंकी का मकसद सिर्फ रामलला के टेंट को उडाना था। और तीन अन्य साथियों का मकसद विवादित स्थल के बगल मौजूद सीता रसोई में प्रवेश करना था। क्यूँ की सीता रसोई एक बड़ी इमारत थी और ऊँचाई पर भी थी वहाँ से उन्हें पूरा परिसर दिखाई देता और उस जगह पर वो सुरक्षित भी रहते इसीलिए वो सीधे सीता रसोई की तरफ बढ़ रहे थे उनके मकसद इस आतंकी हमले को लम्बे समय तक चलाते रहना और ज्यादा से ज्यादा नुकसान करना था। लेकिन सभी आतंकी मारे गए।

राम मंदिर में दैविक शक्तियों का भी रहा असर

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि सुबह का समय था जब आतंकवादियों ने राम जन्मभूमि पर हमला किया था उस दौरान भगवान राम लला अपने टेंट में विराजमान थे। उस दौरान एक विस्फोट हुआ जिसके बाद पूरे परिसर के अंदर जितने भी सुरक्षाकर्मी थे सभी सतर्क हो गए। आज जिस सुरक्षा के बीच परिसर है कि वहां पर कोई पत्ता भी नहीं हिल सकता है। राम जन्मभूमि अलौकिक दैविक शक्तियां भी हैं। इसके साथ ही जहां पर तैनात सेना सतर्क कि उसका भेदन करना। किसी भी आतंकवादी के लिए संभव नहीं है।

अयोध्या अब भूल रही पुराने जख्म

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि पूर्व में घटित हुई घटना उसे स्मरण करके हम सब अब दुखी नहीं कर सकते है। लेकिन हम उत्साहित हैं क्योंकि भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। जिसके लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया और रही बात 5 जुलाई 2005 की स्थिति की जिसका जो कृत्य था उसे वहां पर पहुंचा दिया। हमारे जवानों ने मुंह तोड़ जवाब दिया है और अब मंदिर निर्माण को उन लोगो को भी स्वीकार करना चाहिए। लेकिन यह जरूर है कि हम लोग इस प्रकार से अपने आप को सुरक्षित करें 2005 की घटना की पुनरावृति अयोध्या में कभी न दोहराई जा सके। तो वही दावा किया कि वर्तमान सरकार में अयोध्या पूरी तरह सुरक्षित है।