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राम दरबार की भव्य प्राण-प्रतिष्ठा की झलकियां, अयोध्या में दिव्यता का नया ‘सूर्योदय’

Ayodhya News : अयोध्या में राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार समेत 8 मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। तीन दिनों तक यह कार्यक्रम चलेगा। दूर-दूर से संतों का आगमन होगा। 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।

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अयोध्या श्री राम मंदिर, PC- Shri Ram Janmbhoomi Trust, Twitter

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या एक बार फिर साक्षी बनी है धर्म, संस्कृति और श्रद्धा की त्रिवेणी की। प्रभु श्रीराम के दिव्य दरबार की पहली झलक सामने आ चुकी है। राम मंदिर के पहले तल पर विराजमान राम दरबार की दो तस्वीरें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की हैं, जिनमें प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान के विग्रह दर्शन से जनमानस में अलौकिक ऊर्जा का संचार हो रहा है।

भोर की बेला, मंगल ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंगलवार सुबह 6:30 बजे से शुरू हुए तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान में 101 आचार्यों द्वारा 1975 वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जा रहा है। इस अद्भुत अनुष्ठान में रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्तिपूर्ण स्तुति पाठ से वातावरण गूंज उठा है।

तीन दिन चलेगा कार्यक्रम

पहला दिन : पंचांग पूजन, यज्ञ मंडप प्रवेश, अग्निस्थापन से लेकर जलाधिवास तक के विविध संस्कार संपन्न हुए। हर कर्मकांड में सनातन संस्कृति की परंपराओं की जीवंत झलक दिखी।

दूसरा दिन : सवेरे 6:30 बजे से शुरू होने वाले पूजन में वेदी पूजन, नवग्रह, वास्तु व सप्त मात्रिका पूजन जैसे शास्त्रसम्मत विधानों के साथ यज्ञकुंड में अग्नि स्थापन व पंच वारुणी हवन जैसे क्रियाकलाप होंगे। मूर्तियों के संस्कार व आवाहन की विधि भी यहीं से प्रारंभ होगी।

दर्शन की छूट : पूरे अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु मंदिर में बिना किसी रोकटोक के दर्शन कर सकेंगे।

5 जून को ऐतिहासिक क्षण: योगी आदित्यनाथ होंगे साक्षी

तीसरे दिन, 5 जून को राम दरबार और अन्य 7 मंदिरों की सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होगा। इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम संक्षिप्त लेकिन ऐतिहासिक होगा, जिसमें देशभर से पधारे सवा सौ से अधिक यज्ञाचार्य व आचार्य अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

इन 7 देवालयों में भी गूंजेंगे वैदिक मंत्र

  • राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा होगी।
  • मंदिर के परकोटे में सूर्य, गणेश, शिव, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियों की प्रतिष्ठा होगी।
  • सप्त मंडपम क्षेत्र में वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्त्य, वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या व शबरी की मूर्तियां पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।

काशी के विद्वानों का विशेष योगदान

पूरे कार्यक्रम की अगुवाई काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य करेंगे, जिनमें बस्ती के कर्मकांड विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे। इस आयोजन में भारत के कोने-कोने से आए ऋत्विक भी अपने यज्ञीय योगदान देंगे।