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Navaratri Special : श्री रामलला की कुलदेवी मां देवकाली -इस स्थान के धार्मिक महत्व को जानकर जाएंगे चौंक

घर में बच्चे के जन्म के बाद आखिर क्यों अयोध्या में स्थित बड़ी देवकाली मंदिर में करनी पड़ती है दर्शन पूजन

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श्री रामलला की कुलदेवी मां देवकाली -इस स्थान के धार्मिक महत्व को जानकर जाएंगे चौंक

श्री रामलला की कुलदेवी मां देवकाली -इस स्थान के धार्मिक महत्व को जानकर जाएंगे चौंक

अयोध्या. नवरात्र के पहले दिन अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कुलदेवी माँ बड़ी देवकाली में माँ के जयकारो के साथ बड़ी संख्या में भक्तो की भीड़ लगनी शुरू हो गयी है।सभी भक्त माँ जगत जननी से अपनी मुरादों को पूरा करने के लिए अर्जी लगा कर संतुष्ट हो रहे है कि माँ उनकी मुरादो को ज़रूर पूरा करेंगी बड़ी देवकली का महत्त्व अपने आप में बहुत बड़ा माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान् राम के जन्म के बाद माता कौश्यल्या राम व सभी उनके भाइयो को लेकर माँ का दर्शन कराने आई थी।

बच्चे के जन्म के बाद दर्शन पूजन का विशेष महत्व

राम जन्मभूमि के दक्षिण दिशा में स्थित माँ देवकाली मंदिर को भगवान श्रीराम के पूर्वज महाराजा रघु ने स्थापित किया था। देवी भागवत में बड़ी देवकाली जी का वर्णन है। कहा जाता है की बड़ी देवकाली जी भागवान श्री राम की कुलदेवी है और जब श्री रामचन्द्र जी का जन्म हुआ था उस समय माँ कौशल्या पुरे परिवार के साथ माँ का दर्शन करने आई थी। तभी से एक परंपरा चली आ रही है की जब भी किसी के घर में बच्चा होता है तो घर के सदस्य बच्चे के साथ माँ के दर्शन करने जरुर आते है। साथ ही सभी मांगलिक कार्य की शुरुवात माँ के दर्शन से ही प्रारंभ होती है।

भगवान श्री राम की कुलदेवी मां देवकाली

चैत्र रामनवमी के दिन प्रभु श्री रामलला का जन्म हुआ। इस दिन भक्त जन अपने पापो के प्राश्चित और पुण्य की प्राप्ति के लिए रघुकुल की कुलदेवी श्री बड़ी देवकाली जी की पूजा अर्चना करते है.कहा जाता है की नवरात में सिद्धि प्राप्त करने के लिए बड़े देवकाली जी की विशेष तरह से पूजा की जाती है.साल भर दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु नवरात में जरुर आते है पहले माँ के तीनो रूप की पूजा अर्चना करते है। मंदिर के बाहर माँ शक्ति का वाहन सिंह विराजमान है.कहा जाता है की श्री रामकी कुलदेवी माँ श्री देवकाली जी के तरफ मुह किये दोनों सिंह मंदिर की रखवाली करते है. माँ आदि शक्ति का वाहन सिंह शक्ति का प्रतीक भय को समाप्त करने वाला है.महाराजा रघु की कुलदेवी व् श्री राम की अराध्य श्री बड़ी देवकाली जी के दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता है.यहाँ मांगी गयी मुरादे पूरी होती है।