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रामजन्मभूमि की मिट्टी की पवित्रता बढ़ाएगी सिंधी समाज के मंदिरों की माटी

31 अक्टूबर को अयोध्या में आयोजित पवित्र रज (माटी) समर्पण कार्यक्रम के तहत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी जाएगी माटी।

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Ayodhya Ram Mandir: मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम में सिन्धी समाज भी शामिल होने जा रहा है। सिन्धी समाज ने उन देशों की माटी एकत्र कर कार्यक्रम तक पहुंचाने का संकल्प लिया है जिन देशों में सिन्धी समाज के लोग बसे हैं। इस संकल्प को पूरा करने के लिए सिन्धी समाज ने एक समिति बनाई है, जिसे सिंधियत की पवित्र माटी एकत्रीकरण समिति का नाम दिया गया है।
31 अक्टूबर को अयोध्या में आयोजित पवित्र रज (माटी) समर्पण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए देश के लगभग 200 शहरों जिनमें प्रभु झूलेलाल मंदिरों, दरबारों एवम 50 अन्य देशों से एकत्रित की हुई पवित्र रज (माटी) जिनमे दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, दुबई, पूर्वी अफ्रीका, यूरोप के कई देशों, चीन, कनाडा, इत्यादि शामिल हैं, को श्रीराम जन्मभूमि न्यास के महासचिव चंपतराय को समिति के मुख्य संयोजक श्रीकांत भाटीया दिल्ली के नेतृत्व मे सौपा जाएगा।

रामनगर कालोनी स्थित लाल साई मंदिर (संत नवलराम दरबार) की भी माटी सौपी जायेगी। समिति के उप संयोजक ओमप्रकाश ओमी ने बताया कि कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब 200 लोग सम्मलित होने आ रहे हैं, जिनकी उपस्थिति में पवित्र माटी को एक मटकीनुमा पात्र में एकत्रित कर पवित्र राम जन्मभूमि की माटी में सिंधी समाज के मंदिरो, दरबारों की माटी शामिल की जाएगी ।
मुख्य अतिथि शिव शांति संत आसूदाराम आश्रम लखनऊ के साईं मोहन लाल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के उद्घाटन संदेश में अपील की थी कि राम मंदिर के निर्माण में पवित्र जल, पवित्र माटी के माध्यम से हर भारतीय का सहयोग होना चाहिए। 31अक्टूबर को पवित्र माटी सौंपने के संकल्प का एक मात्र उद्देश्य यही है कि यह कार्य इस बात का प्रतीक होगा कि ऐतिहासिक मंदिर निर्माण में हमारे सिंधी समाज की भी एक अहम भूमिका होगी।