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नई अयोध्या: पूर्वी द्वार पर बनेगा राम मंदिर का सिंह द्वार, जानें और क्या है नया

- गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि (Ramjanm bhoomi) तक 1900 एकड़ में बनेगी इक्ष्वाकुपुरी, वैदिक शहर की तर्ज पर विकसित होगी अयोध्या.  

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Ayodhya : दिव्य, अनुपम और अलौकिक होगा रामलला का मंदिर

भूमि पूजन के बाद अब चर्चा मंदिर की भव्यता और इसके पूरा होने को लेकर शुरू हो गयी है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

अयोध्या. अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण (Ram Temple) को लेकर तैयारी जोरों पर हैं। अगले वर्ष 15 जनवरी के बाद इसमें तेजी आएगी। श्रीराम मंदिर के मुख्य द्वार की जगह चिन्हित कर ली गई है। श्रीराम मंदिर का सिंह द्वार (Singh Dwar) परिसर के पूर्वी द्वार पर बनेगा, जो अयोध्या-फैजाबाद रोड पर स्थित है। गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि तक 1900 एकड़ में इक्ष्वाकुपुरी भी बनेगी। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति, रामजन्मभूमि परिसर को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करेगी। अयोध्या में हुई राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में इसपर फैसला लिया गया। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार में अन्य निर्माण कार्यों की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, महापौर रिषिकेश उपाध्याय, मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, नगर आयुक्त विशाल ङ्क्षसह सहित पुलिस के अधिकारियों ने रामजन्मभूमि परिसर का जायजा लिया।

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फोर लेन सड़क प्रस्तावित-
भगवान श्रीराम की जलसमाधि वाले स्थान सरयू के गुप्तारघाट से रामजन्मभूमि तक इक्ष्वाकुपुरी परियोजना 1,900 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाएगी। अयोध्या हाईवे से एक फोर लेन सड़क प्रस्तावित है, जो इक्ष्वाकुपुरी को जोड़ेगी। इसमें एक तरफ सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट का विकास भी किया जाएगा। मंदिर निर्माण के उपरांत किसी श्राद्धालू को कोई परेशानी व असुविधा न हो, इसके लिए भी मंथन किया गया। बताया जा रहा है कि मूलभत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा रास्ते, पार्किंग, सीवर की व्यवस्था के लिए स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है । 15 जनवरी से शुरू होने वाले राममंदिर निर्माण के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अधिकारियों ने परिसर से सटे इलाकों का जायजा भी लिया है।

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यह विकास कार्य भी नजर में-
अयोध्या से बलरामपुर राजमार्ग को विकसित किया जाएगा। इक्ष्वाकुपुरी में योगी सरकार भजन संध्या स्थल, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र, रैन बसेरा, रामकथा पार्क का विस्तारीकरण और क्वीन हो मेमोरियल पार्क निर्माण करने जा रही है। अयोध्या व गोंडा को मिलाते हुए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास किया जाएगा, जिसके जरिये पर्यटकों का नेपाल सीमा से सटे वन्य जीव विहारों के साथ शक्तिपीठ देवीपाटन तक पहुंचना आसान होगा। अयोध्या में इक्ष्वाकुपुरी को दो भागों में बांटा जाएगा। पहले भाग में वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों के नाम से अलग-अलग संकुल होंगे, जहां पर्यटकों को इससे संबंधित जानकारी ऑडियो-विजुअल के माध्यम से दी जाएगी।

राम मंदिर निर्माण में भागीदारी बढ़ाने को आरएसएस का थ्री एस फार्मूला-
राम मंदिर निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए आरएसएस अपने थ्री एस फार्मूले पर काम करने जा रही है। थ्री एस मतलब 'संगठन, सहयोग और समर्पण' के जरिए आरएसएस समाज में मंदिर का वैचारिक आधार बढ़ाएगा। इससे समाज में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी। 15 जनवरी से पूरे देश में एक साथ शुरू होने जा रहे मंदिर निर्माण अभियान की तैयारियों के लिए जगह-जगह बैठकें शुरू हो गई हैं।


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