
17 साल बाद मिला अयोध्या की मासूम को इन्साफ दुष्कर्म और हत्यारोपियों को आजीवन कारावास
अयोध्या : 17 साल बाद आखिरकार अयोध्या ( Ayodhya ) जिले के इलाके की रहने वाली एक 15 साल की मासूम बच्ची को आखिरकार कोर्ट ने इंसाफ दिया है | उस मासूम के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी निर्मम हत्या के आरोप में आखिरकार न्यायालय ने इस जघन्य वारदात में शामिल दो आरोपियों को आजीवन कारावास और नकद जुर्माना भी लगाया है | यह वारदात 23 जून 2002 को अंजाम दी गई थी जिसमें करीब 17 साल तक चली जिरह और सबूत और गवाहों के ट्रायल के बाद अपर जिला जज सुरेश चंद्र की अदालत से इस मामले के दो आरोपियों ओमप्रकाश और अनिल कुमार इस जघन्य वारदात आजीवन कारावास की सजा सुनाई है |
23 जून 2002 को अंजाम दी गयी थी एक मासूम के साथ जघन्य वारदात
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक यह वारदात 23 जून साल 2002 की है | जब मवई ( Mawai ) थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली 15 साल की नाबालिग बेटी भैंस चराने के लिए गई थी | लेकिन देर शाम तक वह घर वापस नहीं पहुंची उसके बाद जब परिवार के लोगों ने उसकी तलाश शुरू की तो किशोरी का शव गांव के ही विजय कुमार मिश्रा के गन्ने के खेत में पाया गया | जिसके बाद मृतक नाबालिक लड़की की मां ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज कराया था |
गाँव के ही दो शैतानो ने अंजाम दी घिनौनी वारदात मासूम को सुला दिया था मौत की नींद
जब पुलिस ने इस मामले में विवेचना की तो वारदात को अंजाम देने की में शामिल ओम प्रकाश उर्फ बबलू दीक्षित और अनिल कुमार का नाम सामने आया | इसके बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला ( Law science laboratory ) की रिपोर्ट में किशोरी के कपड़ों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि किशोरी के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई | फिलहाल 17 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है | इस मामले में आरोपी बनाए गए दो दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास और दोनों पर ₹35000 प्रति के हिसाब से जुर्माने की सजा सुनाई है |
Published on:
09 Jul 2019 10:22 am
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