
अयोध्या : देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में इन दिनों चल रहे राम जन्मभूमि ( Ram Janm Bhoomi ) बाबरी मस्जिद ( babari masjid ) मुकदमे की नियमित सुनवाई में चौथे दिन हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष से दलील पेश कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने सप्ताह में 5 दिन इस मुकदमे की नियमित सुनवाई को लेकर आपत्ति जताई है . उन्होंने कोर्ट से कहा कि यदि सुनवाई हफ्ते में 5 दिन होती है तो यह अमानवीय है और न्यायालय की सहायता करना संभव नहीं होगा . हम अदालत की इस गति के साथ नहीं चल सकेंगे मुझे इस केस को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा . मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता द्वारा यह बयान दिए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद ( Vishva Hindu Parishad ) और अयोध्या के संतों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है .
विहिप ने कहा कांग्रेस के कारण कलयुग में रामलला को नहीं मिल रहा न्याय
विश्व हिंदू परिषद ( VHP ) के प्रांत प्रवक्ता शरद शर्मा ( VHP Leader Sharad Sharma ) ने इस प्रकरण पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राजीव धवन ( Advocate Rajeev Dhavan ) और कपिल सिब्बल ( kapil Sibbal ) जैसे अधिवक्ताओं के कारण कलयुग में भगवान राम को न्याय नहीं मिल रहा है . लंबे समय से कांग्रेस ( Congress ) की दोहरी नीति और मुस्लिम तुष्टिकरण की विचारधारा के चलते अभी तक अयोध्या में भगवान राम का मंदिर ( Ram Mandir ) नहीं बन पाया .जब जब इस मुकदमें में फैसले का वक्त आया तब तब मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने कांग्रेस के इशारे पर मुकदमे को लंबा खींचने की कोशिश की है . श्री शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में धारा 370 ( Section 370 ) को लेकर अभी तक कांग्रेस द्वारा बाधा डाली जाती रही ,उसी प्रकार से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण ( Ram Mandir Nirman ) की मार्ग पर कांग्रेस रोड़ा अटका रही है . हम इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे .
दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास बोले कांग्रेस करती रही है विभाजन की राजनीती फैला रही है हिन्दू मुस्लिम में नफरत
अयोध्या में दिगंबर अखाड़े ( Digambar Akhada ) के महंत सुरेश दास ( Mahant Suresh Das ) ने सुप्रीम कोर्ट में चल रही राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद ( Babari Masjid Casew ) मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता की दलील पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है . महंत सुरेश दास ने कहा कि यह सब कांग्रेस के इशारे पर हो रहा है . कांग्रेस ने देश की आजादी के बाद से ही देश में विभाजन की राजनीति की है . हिंदू और मुस्लिम को लड़ाने का काम किया है . आज बड़ी संख्या में देश का मुस्लिम समाज भी चाहता है कि अयोध्या का विवाद हल हो अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने ,लेकिन कांग्रेस के इशारे पर इस मुकदमे को और लंबा खींचने का कुत्सित प्रयास हो रहा है . मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि हमें सर्वोच्च न्यायालय की न्याय प्रक्रिया पर पूरा विश्वास है . अभी तक जो साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत हुए हैं वह इस बात के प्रमाण हैं कि अयोध्या में उसी स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ और वह स्थान रामलला का है . लेकिन जिस प्रकार से इस मुकदमे में बाधा डाली जा रही है . ऐसे बाधा डालने वाले लोग हनुमान जी के कोप का भाजन बनेंगे ,उन्हें सद्बुद्धि आनी चाहिए और पूरी निष्ठा से अपना काम करना चाहिए जिससे इस विवाद का जल्द से जल्द हल निकले . बताते चलें कि शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन ( CJI Ranjan gogoi ) गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की विशेष संविधान पीठ ने इस मुकदमे की सुनवाई की . संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं .
Published on:
09 Aug 2019 04:51 pm
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