
आलोक कुमार मूल रूप से यूपी, बदायूं जिले के बिसौली गांव के रहने वाले हैं। 4 सितंबर 1952 को जन्मे आलोक कुमार दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वह छात्र संघ राजनीति में सक्रिय रहे हैं। साल 1973 से 1974 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं।
गुमनाम शवों के अंतिम संस्कार का काम करते हैं
बहुत कम लोग जानते होंगे कि वह एक ऐसे सामाजिक संस्था के संचालक भी हैं जो मानव अंग दान और रक्त दान के लिए कार्य करता है। अब तक करीब दस हजार लोगों के जिंदगी को बचाने में आलोक कुमार ने मानव अंग निशुल्क दान से प्राप्त को दिया है और जीवन बचाया है। जिसके लिए वह मीडिया और प्रचार से दूर रहते हैं। इसके अलावा अस्पताल आदि में लावारिश लोगों के इलाज से लेकर गुमनाम शवों के अंतिम संस्कार का कार्य भी वह करते हैं।
सामाजिक काम करते हैं आलोक कुमार
लोगों के जीवन रक्षा के उनके सामाजिक संस्था के कार्य में वह जाति और धर्म का भेदभाव नहीं करते। इसका उदाहरण है कि पिछले साल जब संस्था का सम्मेलन हुआ जिसमे करीब 100 प्रतिनिधि देशभर के आए थे तो उसमे अनेक मुस्लिम और गैर हिंदी भाषी पदाधिकारी भी शामिल हुए थे और अपने अनुभव साझा कर रहे थे। पिछले साल उनकी संस्था ने नई दिल्ली एनडीएमसी के कन्वेशन सेंटर में दो दिवसीय सम्मेलन भी किया था। जिसमे डबल्यूएचओ के डॉक्टर हर्ष वर्धन, आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया सहित अनेक मंत्री मौजूद हुए थे। मैं भी उस कार्यक्रम का हिस्सा था।
सामाजिक सेवा से जुड़े कामों के संचालक हैं
प्रचार प्रसार से दूर रहने वाले आलोक कुमार विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष है। गुरुग्राम में विहिप कार्य परिषद की बैठक के बाद जब डॉक्टर प्रवीण भाई तोगड़िया को कार्यमुक्त किया गया था तब एडवोकेट आलोक कुमार को यह दायित्व दिया गया था। वह वर्तमान में एक दर्जन से अधिक सामाजिक सेवा से जुड़े कार्यों के संचालक है।
Updated on:
12 Jan 2024 05:38 pm
Published on:
12 Jan 2024 05:10 pm
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