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अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय कथा धाम में होगी योगी कैबिनेट की बैठक, धार्मिक एजेंडे को धार देने की कोशिश में बीजेपी

अयोध्या में दीपोत्सव के साथ नौ नवंबर को सीएम योगी की कैबिनेट मीटिंग आयोजित होगी। इसकी पीछे की वजह ये है कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी में धार्मिक मुद्दों पर धार देने की कोशिश कर रही है।

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Yogi cabinet meeting will be held at International Katha Dham in Ayodhya

अयोध्या में योगी कैबिनेट की बैठक से धार्मिक एजेंडे को बीजेपी धार देने की कोशिश में जुटी।

लोकसभा चुनाव 2024 के मिशन को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपने धार्मिक एजेंडे को सेट करने में तेजी से लग गई है। इसी कारण सरकार अयोध्या में दीपोत्सव के साथ नौ नवंबर को अपनी कैबिनेट मीटिंग आयोजित करने जा रही है। इस पर राजनीतिक जानकर का कहना है कि भाजपा सरकार मिशन 2024 को साधने के लिए धर्म, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व विकास पर तेजी से काम कर रही है।

11 नवंबर को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव से पहले नौ नवंबर को योगी सरकार की पूरी कैबिनेट यहां बैठेगी। यहां की बैठक के लिए ऐसे प्रस्तावों को चुना गया है जो धर्म व संस्कृति से जुड़े हुए हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में कैबिनेट बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कैबिनेट बैठक में अयोध्या से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सकती है।सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सरकार ने सभी कैबिनेट मंत्रियों को सूचना भेजी है जिसमें इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति का आग्रह किया गया है जो गुरुवार को सुबह 11:30 बजे शुरू होने वाला है।

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सीएम योगी समेत सभी मंत्री रामलला का करेंगे दर्शन
प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि नौ नवंबर को अयोध्या के रामकथा पार्क में 11:30 से बैठक संभावित है। इसमें हमारे सभी मंत्री परिषद के साथी भाग लेंगे। मुख्यमंत्री सहित सारे कैबिनेट के मंत्री रामलला के दर्शन करेंगे। इस बैठक में पर्यटन से संबंधित विभागों के छह प्रस्ताव रखे जायेंगे। अन्य और भी प्रस्ताव हैं, जिन पर कैबिनेट अपनी मुहर लगाएगी।

इन प्रस्तावों पर लग सकती है मोहर
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि प्रयागराज में 2019 में आयोजित कैबिनेट बैठक में मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी गई थी। उसी तरह अयोध्या में होने वाली कैबिनेट बैठक में रामनगरी और उसके आसपास के इलाकों को सौगात मिल सकती है। विभिन्न विभागों ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव भेजना शुरू कर दिया है।

कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में हुई थी कैबिनेट बैठक
राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा अयोध्या में कैबिनेट बैठक धार्मिक और राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने के रूप में देखा जा रहा है। सरकार हर बड़े इवेंट को महत्वपूर्ण बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम करती हैं जिससे संदेश भी जाए। इससे पहले 29 जनवरी 2019 को कुंभ मेला के दौरान सभी कैबिनेट मंत्रियों ने गंगा में डुबकी लगाई थी। इसके बाद बैठक की थी।

2017 में सरकार बनने के बाद भाजपा सरकार के शीर्ष एजेंडे में अयोध्या ही रहा है। सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में भी राजधानी के बाहर एक बार कैबिनेट बैठक की थी। पांडेय कहते हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को पहले ऐसा माहौल बनाना चाहती है जिसके दूरगामी संदेश हों।

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