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सच हुई थी अटल जी की यह भविष्यवाणी और बन गई बीजेपी की सरकार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इमरजेंसी के बाद वर्ष 1977 में जनसंघ के प्रचार के लिए आजमगढ़ आए थे

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atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी

रणविजय सिंह की रिपोर्ट

आजमगढ़. कहते है कि इतिहास खुद को दोहराता है। कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जिले में सभा के दौरान कहा था कि आजमगढ़ में एक भी सीट जीते तो यूपी की सत्ता हमारे हाथ में होगी। यह संयोग ही कहा जायेगा कि आजादी के बाद भाजपा तीन बार जिले में सीट जीती और प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो गई।

बता दें कि सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इमरजेंसी के बाद वर्ष 1977 में जनसंघ के प्रचार के लिए आजमगढ़ आए थे। उस समय उन्होंने पैदल शहर में घूमकर प्रचार किया था।

वर्ष 1984 में पहली बार शहर के जजी मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित कियेे। उस समय उन्होंने देश की राजनीति में आजमगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका करार दिया था। इसके बाद वर्ष 1989 में इसी स्थान पर उन्होंने सभा की। अटल जी ने कहा था कि चुनाव में हम यहां एक भी सीट जीते तो प्रदेश के सत्ता की चाभी हमारे हाथ में होगी।

वर्ष 1989 के चुनाव में यहां भाजपा का खाता नहीं खुला। चार सीट पर जनता दल, तीन पर कांग्रेस, दो पर बसपा तथा गोपालपुर सीट से निर्दल गोमती यादव विधायक बने। वर्ष 1991 के चुनाव में भाजपा को सरायमीर और मेंहनगर सीट पर जीत हासिल हुई। सरायमीर में पतिराज लगातार आठ चुनाव में हारने के बाद नौवें प्रयास में विधायक बने। मेंहनगर से कल्पनाथ पासवान विधायक चुने गये। शेष आठ सीटों में पांच पर जनता दल, तीन पर बसपा काबिज हुई। इस चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। फिर यह चर्चा महीनों चलती रही कि अटल जी ने जो कहा सच हुआ।

वर्ष 1993 के चुनाव में जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को नकार दिया। चार सीट पर सपा और छह सीट पर बसपा को जीत मिली। इस चुनाव में सपा बसपा गठबंधन ने चुनाव लड़ा था। जातिगत समीकरण के आगे सारे कयास ध्वस्त हो गये थे। भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। सपा-बसपा की सरकार बनी लेकिन यह ज्यादा दिन तक नही चल सकी। वर्ष 1996 में चुनाव हुआ। अटल बिहारी की सभा पुनः जजी मैदान में हुई। इस बार भी उन्होंने पुरानी बात दोहराई। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह ने लालगंज सीट पर कब्जा जमाया।

शेष नौ सीटों में तीन बसपा, पांच सपा और एक कांग्रेस के खाते में गई। इस बार भाजपा बसपा की गठंबधन सरकार बनी। तय हुआ कि छह-छह माह दोनों दलों का मुख्यमंत्री रहेगा। छह माह बाद में बसपा विधायक टूटे और भाजपा ने अकेले सरकार बना लिया और इस सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। वर्ष 2002 में पांच सीट पर बसपा, चार पर सपा, एक पर कांग्रेस तथा वर्ष 2007 के चुनाव में छह पर बसपा और चार सीट पर सपा को जीत मिली। वर्ष 2012 में दस में से नौ सीट सपा और एक सीट बसपा के खाते में गई। सपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई।

वर्ष 2017 के चुनाव में एक बार फिर बीजेपी आजमगढ़ में एक विधानसभा सीट जीतने में सफल रही। फूलपुर-पवई विधानसभा से बाहुबली रमाकांत यादव के पुत्र अरूणकांत यादव भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। इस बार बीजेपी गठबंधन यूपी में 325 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आयी। यानि कि 27 साल में अटल जी की भविष्यवाणी तीन बार सच साबित हुई है।