
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. इंद्र नारायण तिवारी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. स्थानान्तरण के संबंध में गलत सूचना देने के मामले में आजमगढ़ के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. इंद्र नारायण तिवारी सहित प्रदेश के 29 सीएमओ पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। निदेशालय ने सीएमओ को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन सीएमओ के जवाब से निदेशालय संतुष्ट नहीं हुआ और सीएमओ को दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेज दी है। वैसे सीएमओ का दावा है कि उन्होने कोई गलत सूचना नहीं दी है। नोटिस का जवाब दे दिया है। आजमगढ़ सीएमओ पर टेंडर में घोटाल तथा जौनपुर से स्थानान्ततिर होकर आये तीन लिपिकों से मनमाना स्थानान्तरण करवाने का आरोप भी लगा है। जिसमें टेंडर के मामले में एडीएम प्रशासन जांच कर रहे हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में स्थानान्तरण में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद शासन स्तर पर जांच कराई गई थी। जांच में जिले से भेजी गई सूचना में दो तरह की गड़बड़ी पाई गई। एक तो सीएमओ ने आयुष व दंत दंत चिकित्सकों के संबंध में गलत जानकारी दी। दूसरे लेवल 1, लेवल 2 व लेवल 3 के डाक्टरों की सूचना लेवल 1 के डाक्टर के रूप में दी गई।
इस मामले में निदेशक प्रशासन डा. राजा गणपति ने आजमगढ़ के सीएमओ डा. इंद्र नारायण तिवारी सहित 29 सीएमओ को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया। जिसमें सभी सीएमओ ने जवाब दिया कि उन्होंने सिर्फ हस्ताक्षर किया है। सूचना रिपोर्ट लिपिकों ने तैयार की थी। गडबड़ी के लिए संबंधित लिपिक दोषी है लेकिन निदेशालय इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और नोडल अधिकारी होने के कारण सीएमओ को ही गलत सूचना देने का जिम्मेदार मानते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी है। माना जा रहा है कि इस मामले में कभी भी कार्रवाई हो सकती है।
वहीं दूसरी तरफ आजमगढ़ सीएमओ पर वाहनों के टेंडर में घोटाले का आरोप भाजपा नेताओं ने लगाया है। इस ममाले की जांच अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा की जा रही है। अभी इस ममाले में रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं सीएम अब एक नए आरोप से घिर गए हैं। वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन प्रेमचन्द्र सहित कई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि जौनपुर से स्थानान्तरित होकर आए तीन लिपिक मनमाने ढंग से स्थानान्तरण कर रहे है। प्रेमचंद ने इस ममाले में धन उगाही का आरोप लगाया है। दावा किया है कि वे बिलरियागंज में तैनात थे उनकी पोस्टिंग अजमतगढ़ हुई। वहां जगह नहीं है, इसके बाद भी 10 हजार की मांग की गई और पांच हजार रूपया लिया गया। समूह, ग, घ के कर्मचारियों के तबादले में भी भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. इंद्र नारायण तिवारी का कहना है कि जिन लोगों का मनमाफिक स्थानान्तरण नहीं हुआ है वे इस तरह का आरोप लगा रहे है। रहा शासन की नोटिस का तो वे जवाब दे चुके है।
Published on:
03 Aug 2022 01:14 pm
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