मेहनगर थाना क्षेत्र के कम्हरिया गांव निवासी चंद्रशेखर सिंह उर्फ राजन (50) की रविवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। वह बस में खलासी के तौर पर कार्यरत थे। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया। परिजन बार-बार यही कह रहे थे – "अब केकर भरोसे जिएब…"।
जानकारी के अनुसार, चंद्रशेखर सिंह उस बस में खलासी का काम करते थे, जो मऊ के मधुबन बाजार से होकर चिरैयाकोट, खरिहानी होते हुए वाराणसी तक जाती थी। रविवार शाम बस जब वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र में पहुंची, तो एक यात्री का सामान उतारते समय चंद्रशेखर बस की छत से नीचे उतर रहे थे। इसी दौरान पैर फिसल गया और वह नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद बस चालक और चंद्रशेखर के पुत्र ने उन्हें तुरंत कबीरचौरा स्थित वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना मिलते ही अन्य परिजन भी अस्पताल पहुंच गए, लेकिन इलाज के दौरान देर रात उनकी मौत हो गई।
मौत की खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया। पत्नी सरिता, एक बेटा और बेटी बेसुध हो गए। सरिता के क्रंदन और बच्चों की चीख-पुकार से वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं। ग्रामीण और रिश्तेदार उन्हें सांत्वना देने में लगे रहे।
मेंहनगर थाना प्रभारी अनुराग कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी उन्हें मिली है, लेकिन हादसा वाराणसी क्षेत्र में हुआ है।
चंद्रशेखर की असमय मौत से गांव में शोक की लहर है। हर कोई इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए परिवार को ढाढ़स बंधा रहा है।
Published on:
24 Jun 2025 09:46 pm