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वो यादव नहीं, यदमुल्ला! खेसारी लाल पर निरहुआ का तीखा वार, भोजपुरी सितारों की सियासी तकरार चरम पर

UP News: बीजेपी नेता और पूर्व सांसद निरहुआ ने आरजेडी उम्मीदवार खेसारी लाल यादव पर तीखा हमला बोला है। निरहुआ ने खेसारी को राम मंदिर के विरोध को लेकर 'यादव नहीं, यदमुल्ला' कहकर संबोधित किया, जिससे रवि किशन और खेसारी के बीच शुरू हुआ विवाद अब एक नया मोड़ ले चुका है।

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वो यादव नहीं, यदमुल्ला! खेसारी लाल पर निरहुआ का तीखा वार | Image Source - 'X' @ChapraZila

Ravi kishan vs khesari lal yadav vs nirahua controversy: भोजपुरी सिनेमा के गलियारों से शुरू हुआ विवाद अब राजनीति के मैदान में एक विस्फोटक रूप ले चुका है। सुपरस्टार रवि किशन और खेसारी लाल यादव के बीच जुबानी जंग इस कदर बढ़ गई है कि मामला धमकी और व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच गया है। इसी भयंकर तकरार में अब एक और बड़ा नाम कूद पड़ा है।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर बिहार चुनाव में उतरे खेसारी लाल यादव पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें "यादव नहीं, यदमुल्ला" कह डाला है। यह बयान भोजपुरी राजनीति में भूचाल लाने वाला माना जा रहा है।

निरहुआ ने खेसारी की पहचान पर उठाए सवाल

विवाद की जड़ में खेसारी लाल यादव के हालिया बयान हैं, जिनमें उन्होंने बीजेपी के सांसदों रवि किशन, मनोज तिवारी और पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ पर तीखा वार किया था। खेसारी ने आरोप लगाया था कि ये तीनों नेता सांसद बनने के बावजूद जनता के लिए कोई ठोस काम नहीं कर पाए। निरहुआ ने खेसारी के इस आरोप को खारिज करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया।

एक इंटरव्यू में निरहुआ ने कहा, "खेसारी लाल यादव ने बोला है कि वह कृष्ण के वंशज हैं। लेकिन, कृष्ण के वंश में पैदा होकर अगर कोई राम मंदिर का विरोध करता है, तो मेरे हिसाब से वह यादव है ही नहीं। वह यदमुल्ला है। राम मंदिर के विरोध में बात करने वाला यादव हो ही नहीं सकता।" निरहुआ का यह बयान राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही मोर्चों पर खेसारी को घेरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

डिप्टी सीएम के बयान से सुलगी चिंगारी

यह पूरा विवाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने खेसारी लाल यादव को "नाचने वाला" कहकर संबोधित किया था। इस बयान ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में गरमी पैदा की, बल्कि भोजपुरी कलाकारों के सम्मान का मुद्दा भी खड़ा कर दिया।

रवि किशन ने भी इस विवाद में कूदते हुए खेसारी को असली सनातनी न होने की बात कही थी। इसके जवाब में, खेसारी लाल यादव ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में सीधे तौर पर मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ तीनों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर ये तीनों सांसद होकर जनता के लिए कुछ नहीं कर सके, तो लोगों को अब यह नहीं पूछना चाहिए कि वह विधायक बनकर क्या करेंगे। खेसारी ने जोर दिया था कि वह लोगों के बीच से आए हैं और अब भोजपुरी कलाकारों को केवल मनोरंजन तक सीमित न रहकर वास्तविक मुद्दों पर काम करना होगा।

बाप को मत सिखाइए

खेसारी लाल के आरोपों से भड़के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जवाबी हमले में उनकी राजनीतिक और फिल्मी अनुभवहीनता पर भी निशाना साधा। निरहुआ ने खेसारी के सवाल को उन्हीं पर पलटते हुए कहा, "जब खेसारी लाल यादव यह कह रहे हैं कि मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ ने कुछ नहीं किया, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब ये लोग सांसद होकर कुछ नहीं कर पाए, तो आप विधायक बनकर क्या कर लेंगे?" उन्होंने अपने और अन्य बीजेपी नेताओं के काम की ईमानदारी का जिक्र करते हुए खेसारी को "कुएं का मेंढक" तक कह डाला, जिसे बाहर की दुनिया की जानकारी नहीं है।

अपने जवाब के अंत में, निरहुआ ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म का मशहूर डायलॉग इस्तेमाल करते हुए चेतावनी दी, ‘बाप को मत सिखाइए बेटा कैसे पैदा किया जाता है।’ उनका सीधा इशारा था कि भोजपुरी इंडस्ट्री और राजनीति में उनका सफर खेसारी से काफी लंबा है और उन्हें अनुभव का पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है।

भोजपुरी राजनीति में गर्माया माहौल

खेसारी लाल यादव के बयान और निरहुआ के विस्फोटक जवाब ने न सिर्फ भोजपुरी राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी दोनों कलाकारों के समर्थकों के बीच तीखी तकरार छिड़ गई है। रवि किशन गोरखपुर, मनोज तिवारी उत्तर दिल्ली और निरहुआ आजमगढ़ में भाजपा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, और ये तीनों भोजपुरी सिनेमा के बड़े चेहरे हैं।

खेसारी के आरोप हैं कि इन नेताओं ने भोजपुरी कलाकारों के उत्थान या क्षेत्र के विकास के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। एक तरफ, बिहार में राजद समर्थक खेसारी को जनता का कलाकार कहकर संबोधित कर रहे हैं, वहीं बीजेपी समर्थक निरहुआ के 'यदमुल्ला' वाले बयान को लेकर खेसारी को घेर रहे हैं। यह विवाद दिखाता है कि भोजपुरी सुपरस्टार्स की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाएं अब एक-दूसरे से सीधे टकराव के बिंदु पर आ गई हैं।