भजपा ने जिन दस लोगों को उम्मीदवार बनाया है उनमें राज्यमंत्री डा. महेंद्र सिंह व मोहसिन रजा, समाजवादी पार्टी से भाजपा में आने वाले बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डा. सरोजिनी अग्रवाल, बसपा से आए जयवीर सिंह एवं विजय बहादुर पाठक, विद्यासगर सोनकर, अशोक कटारिया व अशोक धवन शामिल है। यशवंत सिंह वर्ष 2015-16 में सपा से विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। वर्ष 2017 में प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम योगी को विधान परिषद भेजने के लिए यशवंत सिंह ने त्याग पत्र दे दिया था। कारण कि यशवंत के समधी योगी आदित्य नाथ के काफी करीबी है और सपा में यशवंत की लगातार अनदेखी हो रही थी। यहां तक कि जिले की यादव लाबी ने उन्हें दरकिनार कर दिया था। त्याग पत्र के बाद माना जा रहा था कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे यशवंत के समर्थक काफी निराश थे लेकिन विधान परिषद का टिकट मिलने के बाद उनके समर्थक गदगद है। माना जा रहा है कि इससे बीजेपी सवर्णों के बीच मजबूत होगी।
रहा सवाल विजय बहादुर पाठक का तो मूलरूप से फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के मनियार गांव के रहने वाले है। भाजपा के गठन के समय से ही वे राजनीति में सक्रिय है। भाजपा यूवा मोर्चा में काम करते हुए वर्ष 1984 में इन्हें श्री दुर्गा जी पीजी कालेज चंडेश्वर का छात्रसंघ अध्यक्ष चुना गया था। इसके बाद वर्ष 1985 में इन्हें भाजयुमों का जिलामंत्री चुना गया। वर्ष 1991 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद इन्हे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गयी। पिछले एक दशक से वे लगातार प्रदेश संगठन में विभिन्न पदों पर काम करते रहे है। वर्तमान में वे प्रदेश महामंत्री है। विजय बहादुर की संगठन में मजबूत पकड़ है। सबसे बड़ी बात है कि वे अपने राजनीतिक कैरियर के दौरान पूरी तरह निर्विवाद रहे हैं। इन्हें टिकट मिलने से भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है।
by Ran Vijay Singh