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घोटालेबाज पर मेहरबान हुई मायावती, जेल जा चुके इस नेता को बनाया उम्मीदवार, लैक फेड घोटाले के है आरोपी

मायावती सरकार में थे लघु उद्योग एंव निर्यात प्रोत्साहन मंत्री

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Mayawati

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आजमगढ़.लैकफेड घोटाले में जेल जा चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली को गोंडा के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। मूलरूप से आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर क्षेत्र के रहने वाले करैली बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके है। मंत्री रहते हुए इनके उपर कई गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद माना जा रहा था कि इनका राजनीतिक कैरियर अब समाप्त हो जाएगा लेकिन बसपा मुखिया ने इनपर विश्वास जताते हुए न केवल वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ाया था बल्कि अब कैसरगंज से लोकसभा का उम्मीदवार भी बना दिया है।


बता दें कि चंद्रदेव राम यादव करैली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दल चुनाव लड़कर की। यह अलग बात है कि इस चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे बसपा में शामिल हो गए और देखते ही देखते बसपा मुखिया मायावती के चहेते नेताओं में शामिल हो गए। बसपा ने वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुबारकपुर से टिकट दिया और करैली विधानसभा पहुंच गए। इसके बाद 2007 के चुनाव में भी उन्होंने मुबारकपुर सीट से जीत हासिल की। मायावती की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो इन्हें लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री बनाया गया। बसपा सरकार के दौरान ही कई मंत्रीयों के घोटाले से पर्दा उठा उनमें एक नाम चंद्रदेव राम यादव करैली का भी था। लैकफेड घोटाले में चंद्रदेव राम पर आरोप लगा कि उन्होंने मंत्री पद पर रहते हुए गोविंद शरण श्रीवास्तव एवं सह अभियुक्तों से मिलकर लघु उद्योग विभाग के क्लस्टर योजना के कार्य के लिए लैकफेड के अधिकारियों से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेकर यह काम लैकफेड को दे दिया। इसी प्रकार गोविंद शरण श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने मुख्य अभियंता के पद पर रहते हुए लैकफेड के अनेकों अभियंताओं के नाम पर लेखाकार अनिल अग्रवाल से सांठगांठ कर बियरर चेक जारी कराए। उन्होंने प्रवीण सिंह की पत्रावली नष्ट की तथा बादशाह सिंह को पांच करोड़ रुपये एवं रंगनाथ मिश्रा को एक करोड़ 25 लाख रुपये रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। अजय दोहरे पर आरोप लगा कि उन्होंने अधिशाषी अभियंता रहने के दौरान दीपक दवे, अनिल अग्रवाल, गोविंद शरण श्रीवास्तव एवं पंकज त्रिपाठी से सांठगांठ कर पिछड़ा सेल अनुदान राशि योजना के अंतर्गत बदायूं में कार्य कराने के लिए विभिन्न तारीखों में बैंक से अग्रिम धनराशि के रूप में 184.7 लाख रुपये निकाले जिसमें 32.14 लाख रुपये खर्चा किया शेष धनराशि हड़प लिया।


इसके अलावा भी करैली पर कई और आरोप लगे। वर्ष 2010-11 में इन्हें जेल जाना पड़ा। जेल में रहने के कारण इन्हें वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला। इसके स्थान पर अपने भाई के करीबी शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा और वे जीत गये। कहा तो यहां तक जाता है कि जेल में रहते हुए करैली ने अत्महत्या का प्रयास भी किया था। जेल से छूटने के बाद मायावती ने 2017 के चुनाव में इनकी सीट बदल दी और निजामाबाद से चुनाव लड़ाया। यहां उन्हें सपा के आलमबदी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही चंद्रदेव राम चर्चा से गायब थे लेकिन मायावती ने अब उन्हें कैसरगंज से मैदान में उतार कर फिर चर्चा में ला दिया है।

BY- Ranvijay Singh