
प्रतीकात्मक फोटो
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. Azamgarh-Mau MLC seat result 2022 यूूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जिस तरह आजमगढ़ में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था और मऊ में चार में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी उसके बाद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एमएलसी चुनाव में सपा अखिलेश का गढ़ भी नहीं बचाएगी। हार भी ऐसी कि लोगों के गले नहीं उतर रही। कारण कि पहली बार ऐसा है जब सपा प्रत्याशी को मात्र 356 मत मिले हो और उसकी जमानत न बची हो। वैसे सपा की इस हार के लिए कहीं न कहीं पार्टी की गुटबाजी भी जिम्मेदार मानी जा रही है।
बता दें कि पिछले चुनाव में भी सपा ने राकेश यादव को प्रत्याशी बनाया था। उस समय राकेश ने बड़ी जीत हासिल की थी और बीजेपी प्रत्याशी राजेश सिंह महुआरी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। राकेश का कहीं न कहीं अंदरखाने से पार्टी में विरोध था और कई मंत्री विधायक अपने खास को चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन अखिलेश का करीबी होने का लाभ राकेश को मिला और उन्हें दूसरी बार टिकट मिल गया था।
विधानसभा चुनाव में सपा ने जिस तरह से आजमगढ़ की सभी दस विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की और मऊ में चार में से तीन सीट जीतने में सफल रही थी उसके बाद यह माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी एमएलसी चुनाव में भी कड़ी टक्कर देगी। वहीं बीजेपी ने अरुणकांत यादव को मैदान में उतार कर सपा की गणित को खराब करने की कोशिश की थी। हुआ भी ऐसा ही। रमाकंात यादव ने पार्टी के बजाय पुत्र अरुणकांत को तरजीह दी। जिसका नुकसान सपा को उठाना पड़ा। राकेश यादव को मात्र 356 वोट मिला। जबकि चुनाव में बाजी निर्दल विक्रांत सिंह रीशू के हाथ लगी।
सपा के इस हार की जोरदार चर्चा है। कारण कि सपा अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में अब तक इतनी बुरी तरह कभी नहीं हारी थी। इसका असर आने वाले लोकसभा उपचुनाव में भी देखने को मिल सकता है। कारण कि इस हार के बाद सपा की गुटबाजी एक बार फिर उभरकर सामने आने की उम्मीद है।
Published on:
12 Apr 2022 01:23 pm
बड़ी खबरें
View Allआजमगढ़
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
