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आपदा में आर्थिक क्षति से बचाता है फसल बीमा, किसान इस तरह उठाएं योजना का लाभ

आमतौर पर हर साल किसानों को प्राकृतिक आपदा के चलते भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। आर्थिक क्षति के कारण किसान कर्ज में डूब जाता है। ऐसे में फसल बीमा किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। कारण कि आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियां करती हैं।

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प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. अगर किसान प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई चाहते हैं तो उन्हें फसलों का बीमा करना चाहिए। कारण कि बीमा न होने की स्थिति में फसल क्षति का सारा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है जिससे अक्सर किसान कर्ज में डूब जाता है। अगर किसान अपने फसल का बीमा कराएं तो नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी। इससे किसान नुकसान से बच जाएगा। बीमा का प्रिमियम काफी कम निर्धारित है।

जिला कृषि अधिकारी डॉ. गगन दीप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे-सूखा, सूखे की अवधि, बाढ़, ओला, भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, जलभराव, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग एवं रोके न जा सकने वाले अन्य जोखिमों, रोगो/कृमियों से क्षति की स्थिति में बीमित फसल में नुकसान से उपज में कमी होने पर योजना में प्राविधान के अनुसार क्षतिपूर्ति दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्ग रबी 2021-22 अन्तर्गत गेंहूॅ, जौ, चना, मटर एवं आलू फसल आच्छादित है। गेहुॅ का बीमित धनराशि 63140 रुपये तथा प्रीमियम 947.10 रूपये प्रति हेक्टेयर, जौ का बीमित धनराशि 39250 रुपये तथा प्रीमियम 588.75 रुपये प्रति हेक्टेयर, चना का बीमित धनराशि 65286 रुपये तथा प्रीमियम 979.29 रुपये प्रति हेक्टेयर, मटर का बीमित धनराशि 65528 रुपये तथा प्रीमियम 982.92 रुपये प्रति हेक्टेयर, आलू का बीमित धनराशि 140650 रुपये तथा प्रीमियम की धनराशि 7032.50 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है।

ऐसे ऋणी कृषक जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण प्राप्त किया है, उनका बीमा बैंक शाखा द्वारा कर दिया जायेगा। इसमें प्रतिभाग न करने के लिए किसान को 24 दिसम्बर 2021 तक योजनान्तर्गत प्रतिभाग नहीं करने के सम्बन्ध में लिखित रूप से सम्बन्धित बैंक शाखा को अवगत कराना होगा। अगर किसान अवगत नहीं कराता है तो बैंक द्वारा सम्बन्धित कृषक के फसल का बीमा करते हुए प्रीमियम की धनराशि की कटौती कर दी जायेगी। गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपने निकटतम जन सेवा केन्द्र (सीएससी)/बैंक शाखा/बीमा कम्पनी के अधिकृत ऐजेंट के माध्यम से अपनी अधिसूचित फसल (गेंहूॅ, जौ, चना, मटर एवं आलू) का बीमा नियमानुसार प्रीमियम की धनराशि जमा कर बीमा करा सकते है।

फसल बीमा कराने हेतु कृषक अपना आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक खाते का विवरण आदि अपने साथ रखे। फसल बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर 2021 निर्धारित है। जनपद हेतु वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 तक एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी आफ इण्डिया को नामित किया गया है। बीमा कम्पनी का टोल फ्री नं.- 1800116515 पर सम्पर्क कर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।