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अखिलेश यादव के दबाव में खारिज हुआ सुभासपा प्रत्याशी का पर्चा? कोर्ट जाएंगे ओमप्रकाश राजभर

मैनपुरी उपचुनाव में सुभासपा प्रत्याशी रमाकांत कश्यप का पर्चा खारिज हो गया है। सुभासपा ने अखिलेश यादव के दबाव में पर्चा खारिज करने का आरोप लगाया है। अब सुभासपा इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी में है।

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सुभासपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर व अन्य

सुभासपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर व अन्य

मैनपुरी लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन विवादों में घिर गया है। सुभासपा के राष्ट्रीय सचिव अरुण राजभर ने आरोप लगाया है कि रमाकांत कश्यप का पर्चा समाजवादी पार्टी मुखिया के दबाव में खारिज किया गया है। पर्चा खारिज होने के खिलाफ पार्टी सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी।

डिंपल के खिलाफ सुभासपा ने रमाकांत कश्यप को बनाया था प्रत्याशी
मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव में सुभासपा ने रमाकांत कश्यप को प्रत्याशी बनाया था। सपा से गठबंधन टूटने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को मैनपुरी में चुनौती दी थी।

जांच में रमाकांत का नमाकंन हुआ खारिज
नामाकंन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन ने नामाकंन पत्रों की जांच कराई। नामाकंन पत्र में कमी दिखाकर सुभासपा प्रत्याशी रमाकांत कश्यप, सुनील कुमार मिश्र, राम कुमार, उर्मिला देवी कपिंजल यादव, महेश चंद्र शर्मा, विद्यावती का पर्चा खारिज कर दिया गया। रमाकांत का पर्चा खारिज होने के बाद से ही पार्टी सपा पर हमलावर हो गई है।

अरुण राजभर ने दबाव बनाने का लगाया आरोप
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर का दावा है कि ओमप्रकाश राजभर की ओर से प्रत्याशी की घोषणा के बाद से ही दबाव बनाया जा रहा था। सपा के लोग हमारे प्रत्याशी को डराने की कोशिश कर रहे थे। जब प्रत्याशी मैदान से नहीं हटा तो प्रशासन की मदद लेकर रास्ते से हटा दिया।

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पर्चा में नहीं थी कोई कमी
अरुण राजभर का दावा है कि नामाकंन में जो भी दस्तावेज मांगा गया वे सारे दस्तावेज प्रत्याशी ने जमा किए। जब प्रशासन ने हमें चेक लिस्ट दिया तो उसमें सबकुछ सही था। बाद में प्रशासन ने दूसरी चेक लिस्ट दिया तो उसमें एक कालम गलत बता दिया। प्रशासन ने उसी को आधार बनाकर पर्चा खारिज कर दिया। इस मामले में डीएम और आरओ कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।

अखिलेश के दबाव में खारिज हुआ पर्चा
अरुण राजभर के मुताबिक प्रशासन ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के दबाव में आकर पर्चा खारिज किया है। कारण कि जब पहले से कोई कमी नहीं थी तो बाद में कैसे पैदा हो गई। सपा के लोग ही नहीं चाहते थे कि रमाकांत कश्यप चुनाव लड़ें।

रमाकांत से डर गए थे अखिलेश
सुभासपा का दावा है कि समाजवादी पार्टी हमारे प्रत्याशी से डर गई थी। कारण कि मैनपुरी में 1.5 लाख कश्यप वोट था। उन्हें डर था कि रमाकांत के मैदान में आने से यह वोट उनके साथ चला जाएगा। इससे उनके प्रत्यशी डिंपल यादव की मुश्किल बढ़ जाएगी। इसलिए रमाकांत को मैदान से हटाया गया है।

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हाईकोर्ट जाएगी सुभासपा
राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर का कहना है कि इस मामले को लेकर हम सोमवार को हाईकोर्ट जा रहे हैं। यह जानना हमारा अधिकार है कि जब पहली चेक लिस्ट में कोई गलती नहीं थी तो दोबारा कहां से आई। उन्होंने कहा कि मैनपुरी में जो हुआ है उससे साफ है कि समाजवादी पार्टी सुभासपा से डरी है। हमें पूरा विश्वास है कि न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा।