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जनिए कैसे गर्भवती महिलाएं ले सकती हैं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना का लाभ, अब तक करोड़ों उठा चुकी हैं फायदा

शिशु मृत्युदर को रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को समुचित उपचार के साथ ही आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करायी जा चुकी है। अब तक इस योजना का लाभ तीन करोड़ से अधिक महिलाएं हासिल कर चुकी है। कोई भी गर्भवती महिला इस योजना का लाभ ले सकती है।

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प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना गरीब महिलाओं के लिए बरदान साबित हो रही है। कारण कि इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान न केवल उनका समुचित उपचार किया जाता है बल्कि उनके खानपान का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। सरकार महिलाओं को आर्थिक मदद भी देती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान हर महीने की 9 तारिख को मनाया जाता है। इस अभियान के तहत कोई भी गर्भवती महिला इसका लाभ ले सकती है। योजना का लाभ देने के लिए बैंकों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के जीरो बैलेंस पर अकाउंट्स खोले जा रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए महिलाओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

बता दें कि प्रसव के दौरान मां और शिशु की मृत्यु रोकने, उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए यह योजना सरकार ने जून 2016 से शुरू किया की थी। इसका लाभ किसी भी समुदाय की महिला उठा सकती है। जिन्हें 3 से 6 माह का गर्भ है, वे महिलाएं नजदीकी सरकारी अस्पताल में अपना रजिस्ट्रेशन कराती हैं तो उन्हें परामर्श, सभी जरूरी जांच तथा दवाई सब कुछ मुफ्त में मिलती है। रजिस्ट्रेशन के बाद उक्त महिला का कार्ड बन जाता है। इसके बाद महिला किसी भी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर जांच व डिलीवरी करा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए हर महीने की 9 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप लगाए जाते हैं। संबंधित महिलाएं अपना कार्ड दिखाकर इन कैंपों में जांच आदि करा सकती हैं।

गौर करें तो आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को गर्भधारण के बाद पोषक तत्व नहीं मिलते और ना ही समय पर उचित इलाज मिल पाता है। ऐसे में महिलाए एनीमिया सहित तमाम रोगों का शिकार होती हैं। इनके बच्चे भी कुपोषित होते हैं। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को इन व्याधियों से बचाना है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि योजना के तहत जांच के बाद गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं दी जाती हैं। इसके अलावा उसकी स्थिति की पूरी जानकारी देने वाला अलग-अलग रंग का स्टीकर भी दिया जाता है। इन स्टीकर का अलग-अलग मतलब होता है। किसी प्रकार की समस्या होने अथवा सेवाओं का लाभ न मिलने पर शिकायत की जा सकती है। इसके लिए टोल फ्री नंबर- 18001801104 पर कॉल किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की नौ तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप का आयोजन होता है। महिलाएं यहां पहुंचकर अपना पंजीकरण करा सकती है। पजीकरण के बाद महिलाओं का बैंक में जीरो बैलेंस खाता भी खोला जा रहा है। ताकि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता अकाउंट में मिल सके। यह अकाउंट्स उन महिलाओं के होंगे, जिनका पहले से कोई बैंक खाता नहीं है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत कोई भी अकाउंट खुलवा सकता है। इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर एटीएम कार्ड, 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर, 30 हजार रुपए का लाइफ कवर और जमा राशि पर ब्याज मिलता है।